मील का पत्थर साबित होगा राज्य के विद्युत निगमों एवं केन्द्रीय उपक्रमों के मध्य एमओयू: मुख्यमंत्री शर्मा
-बिलियन टन कोयला उत्पादन के ऐतिहासिक लक्ष्य को शीघ्र करेंगे प्राप्त: केन्द्रीय कोयला मंत्री
जयपुर, 10 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की डबल इंजन सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे दूरदर्शी निर्णयों से राजस्थान शीघ्र ही विद्युत उत्पादन में सरप्लस श्रेणी में आ जाएगा और प्रदेश की ऊर्जा संबधी सभी आवश्यकताएं पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि आज जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, उनको धरातल पर उतारने और समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार पूरी शक्ति एवं सामर्थ्य के साथ कार्य करेगी ताकि आपणो अग्रणी राजस्थान की संकल्पना साकार हो।
मुख्यमंत्री शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में तापीय और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, प्रसारण तंत्र, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा अन्य विकास कार्यों के लिए 1.60 लाख करोड़ के एमओयू एवं पीपीए हस्ताक्षर के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज राज्य में 31 हजार 825 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की विभिन्न परियोजनाओं सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए राज्य की 3 विद्युत निगमों एवं 6 केन्द्रीय उपक्रमों के उच्चाधिकारियों के मध्य 5 एमओयू तथा एक पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही, राज्य में अवसंरचना क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न विभागों, उपक्रमों तथा संस्थाओं के वित्त पोषण के लिए आरईसी लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच भी 20 हजार करोड़ रुपये का एक एमओयू किया गया है।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन माह के अल्प कार्यकाल में ही प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। प्रदेश के जल संकट को दूर करने के लिए गत दिनों हुए कई ऐतिहासिक समझौतों के बाद अब ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य को अग्रणी एवं आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार का गठन होते ही गत दिनों केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री तथा केन्द्रीय कोयला मंत्री से सार्थक चर्चा कर कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। राज्य सरकार के प्रयासों तथा केन्द्र सरकार के सहयोगात्मक रुख के कारण वर्तमान में राज्य को 23 कोल रेक प्रतिदिन मिल रहा है। साथ ही, आज राज्य के विद्युत गृहों की थर्मल पॉवर इकाइयों से औसत विद्युत उत्पादन में 1000 मेगावॉट की वृद्धि हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश का बिजली तंत्र चरमरा गया था और प्रदेश में बिजली संकट खड़ा हो गया था। हमारे थर्मल पॉवर स्टेशन कोयले की कमी से जूझ रहे थे। पिछली सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण पॉवर एक्सचेंज से महंगी दरों पर बिजली खरीदी गई, जिससे न केवल आर्थिक नुकसान हुआ बल्कि औद्योगिक विकास एवं कृषि उत्पादन भी प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य के डिस्कॉम्स 88 हजार 700 करोड़ रुपये के ऋण के साथ दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए तथा राज्य की समस्त बिजली कम्पनियों पर कुल 01 लाख 39 हजार 200 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण भार आ गया। शर्मा ने कहा कि समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण बिजली कम्पनियों पर 300 करोड़ रुपये की पेनल्टी भी लगाई गई। जबकि हमारी पूर्व सरकार ने उदय योजना के माध्यम से बिजली कम्पनियों के 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज अपने ऊपर लेकर उन्हें ऋणभार से मुक्ति दिलाई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का सदुपयोग करते हुए राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं।
कार्यक्रम को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में प्रचुर मात्रा में कोयला उत्पादन किया जा रहा है और हम शीघ्र ही एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। जोशी ने बताया कि देश में पहली बार पोटाश खनन की शुरुआत राजस्थान से की जा रही है। राज्य के हनुमानगढ़ और बीकानेर स्थित दो खान ब्लॉक्स को नीलामी में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जोशी ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी राजस्थान को कोयला मंत्रालय से हरसंभव सहयोग मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई सरकार का गठन होने के बाद उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई थी। उस सार्थक चर्चा के बाद ही कोयला उपलब्धता से संबंधित समस्याओं को समाधान हो पाया है।
कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शी सोच की परिणीति से ही ये ऐतिहासिक समझौते संभव हो पाए हैं। इनसे राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा तथा तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश ऊर्जा क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए भी ऊर्जा मंत्रालय तत्पर होकर कार्य कर रहा है।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में सक्षम एवं समृद्ध बनाने के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रही है। आज रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (आरईसी) लिमिटेड एवं राज्य सरकार के मध्य एमओयू हुआ है। इसके अन्तर्गत आरईसी लिमिटेड राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, उपक्रमों, संस्थाओं और योजनाओं के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करवाएगा। इससे प्रदेश के बिजली, पानी, सिंचाई, मेट्रो, परिवहन एवं कृषि से सम्बंधित परियोजनाओं में तेजी से वृद्धि होगी और राज्य आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न प्रदेश बनने की ओर अग्रसर होगा।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए राजस्थान का ऊर्जा विभाग समर्पित भागीदारी निभाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश की बढ़ती मांग के अनुरूप विद्युत उत्पादन में वृद्धि के लिए इन परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से क्रियान्वित करेगी। केन्द्रीय उपक्रमों को ऊर्जा विभाग की ओर से पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। नागर ने कहा कि इन परियोजनाओं से प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकता पूर्ण होने के साथ ही निवेश और रोजगार सृजन के अवसरों में वृद्धि होगी।
इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला सचिव अमृतलाल मीना ने कहा कि केन्द्र सरकार अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आज देश में प्रचुर मात्रा में कोयला उपलब्ध है। इस वर्ष कोयला उत्पादन में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र से सम्बंधित योजनाओं का शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रही है। राज्य में पीएम सूर्यघर योजना के अन्तर्गत 01 लाख से अधिक का पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/आकाश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।