मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और एमडीएम अस्पताल अधीक्षक एपीओ

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जोधपुर, 18 जनवरी (हि.स.)। एक कैंसर मरीज की मौत के मामले के मामले में अब डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व नियंत्रक डॉ. दिलीप कच्छवाहा व एमडीएम हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित पर गाज गिरी है। दोनों को पदस्थापन की प्रतीक्षा (एपीओ) में कर दिया गया है। बुधवार देर शाम मेडिकल एजुकेशन ग्रुप 1 के सीएस इकबाल खान की ओर से यह आदेश जारी किए गए है। अगले आदेश तक दोनों के मुख्यालय जयपुर कर दिए गए है। इधर उनके एपीओ करने के साथ ही दोनों पदों पर नियुक्ति भी दे दी है। अब डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के पद पर डॉ. रंजना देसाई व एमडीएम अधीक्षक के पद पर डॉ. नवीन किशोरिया को नियुक्त किया गया है। अगले आदेश तक यह दोनों इस पद का कार्यभार देखेंगे। इससे पहले 13 जनवरी को एमडीएम हॉस्पिटल के तीन स्टॉफ को एपीओ किया गया था। सभी कार्रवाई के पीछे 12 जनवरी को एमडीएम हॉस्पिटल में कैंसर पीडि़त 24 साल युवक की मौत को कारण मामला जा रहा है।

जब यह आदेश जारी हुए तो डॉ. कच्छवाहा और डॉ. राजपुरोहित सालाना होने वाली बीएफसी की बैठक में भाग लेने जयपुर जा रहे थे। रास्ते में दोनों को एपीओ होने के आदेश मिले। आदेशों में इस कार्रवाई की वजह प्रशासनिक कारण बताए जा रहे हैं। आदेश विभाग के शासन संयुक्त सचिव इकबाल खान ने जारी किए हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि नई सरकार को प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाहा को हटाने का बहाना चाहिए था। ऐसे में एमडीएम हॉस्पिटल की घटना में अकेले प्रिंसिपल पर कार्रवाई नहीं हो सकती थी। अधीक्षक के साथ उनको भी एपीओ कर दिया गया। इसके संकेत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिंवसर ने घटना के अगले दिन एमडीएम विजिट से पहले यह कहते हुए दिए थे कि बड़े अधिकारियों की लापरवाही पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई में हम देरी नहीं करेंगे।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेशों में बताया गया कि डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद का अगले आदेशों तक कार्यभार उम्मेद अस्पताल की पूर्व अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई देखेगी। इसी तरह से एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक का कार्यभार मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. नवीन किशोरिया देखेंगे। डॉ रंजना देसाई वर्तमान में वरिष्ठ आचार्य, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग एवं अतिरिक्त प्रधानाचार्य तृतीय है। इन्होंने एमबीबीएस 1985 में, एमएस 1989 में किया है। डॉं रंजना देसाई 2015 से 2023 तक उम्मेद अस्पताल में अधीक्षक पद पर कार्य किया है तथा मई, 2022 से वर्तमान में अतिरिक्त प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है।

वहीं डॉ नवीन किशोरिया वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में मेडिसन विभाग के वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत है। उन्होंने गुरूवार को एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक का पदभार ग्रहण किया। डॉ किशोरिया ने एमबीबीएस तथा एमडी की एसएमएस जयपुर से किया है। वे सन 2000 से सहायक आचार्य, 2009 में सह आचर्य, 2014 में आचार्य, 2018 में वरिष्ठ आचार्य बने।

यह है पूरा मामला

दरअसल 11 जनवरी की शाम को ओसियां के पली निवासी गोपाल भाटी को लंग्स कैंसर की परेशानी के चलते एमडीएम हॉस्पिटल के ट्रोमा सेंटर के रेडजोन वार्ड में वेंटिलेटर पर रखा गया था। अगले दिन सुबह 4 बजे के करीब लाइट जाने के बाद वेंटिलेटर बंद हो गया था और मरीज की ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मौत हो गई थी। मरीज के परिजनों ने उस समय एक वीडियो भी बनाया था जिसमें लाइट गई हुई थी और वेंटिलेटर भी बंद था। इसके साथ ही मौके पर हॉस्पिटल की एक महिला नर्स स्टाफ ही नजर आई थी। परिजनों ने इस संबंध में हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही की शिकायत भी दर्ज करवाई थी। मरीज की मौत के दूसरे दिन 13 जनवरी को चिकित्सा मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर का जोधपुर में दौरा था। मंत्री के सामने यह मामला आते ही प्रबंधन की ओर से आनन-फानन में सीमएओ डॉ. कुलदीप, नर्सेज ओमाराम व मनीषा को एपीओ कर दिया गया था। मामले में मंत्री खींवसर ने एडीएम और अन्य अधिकारियों की भी जांच करने के लिए कहा था।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

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