राष्ट्रपति भवन में राजस्थान के शहीदों को मरणोपरांत मिला शौर्यचक्र, परिजनों ने लिया वीरता पुरस्कार

राष्ट्रपति भवन में राजस्थान के शहीदों को मरणोपरांत मिला शौर्यचक्र, परिजनों ने लिया वीरता पुरस्कार
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राष्ट्रपति भवन में राजस्थान के शहीदों को मरणोपरांत मिला शौर्यचक्र, परिजनों ने लिया वीरता पुरस्कार


जयपुर, 5 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान के शहीद मेजर मुस्तफ़ा बोहरा और शहीद मेजर विकास भांभू को शुक्रवार को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में मरणोपरांत शौर्यचक्र दिया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने वीरता पुरस्कार शहीद मेजर मुस्तफा की माता फातेमा, पिता जकीउद्दीन बोहरा को दिया। मुस्तफा शौर्य चक्र सम्मान प्राप्त करने वाले उदयपुर जिले के पहले शहीद सैन्य अधिकारी है।

कार्यक्रम में राजस्थान के ही हनुमानगढ़ जिले के गांव रामपुरा निवासी शहीद मेजर विकास भांभू को भी मरणोपरांत शौर्य चक्र प्रदान किया गया। शहीद विकास की धर्मपत्नी श्रेया चौधरी और माता सुखवंती को वीरता पुरस्कार प्रदान किया। विकास भी अरुणाचल प्रदेश में शहीद हो गए थे। कार्यक्रम में जब मुस्तफा की मां फातेमा को शौर्य चक्र प्रदान किया गया तो उनकी आंखे नम हो गई। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शहीद मेजर मुस्तफा के माता-पिता के साथ दुबई से आई उनकी बहिन डॉ. अलीफिया मुर्तजा अली भी शामिल हुई। इसी प्रकार शहीद विकास की मां और धर्मपत्नी की आंखे भी वीरता पुरस्कार लेते समय नम हो गई। राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह-2024 (चरण-1) में वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति जगदीश धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई अति विशिष्टजन शामिल हुए।

उल्लेखनीय है कि उदयपुर जिले की वल्लभनगर विधानसभा के खेरोदा गांव में जन्मे मुस्तफा 21 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गए थे। उस दिन मेजर मुस्तफा एक मिशन के लिए अपने साथियों के साथ उड़ान भरी थी। वे मिशन पूरा कर वापस लौट रहे थे तब हेलिकॉप्टर में आग लग गई थी। उस समय हेलिकॉप्टर को नीचे उतारा जा सकता था लेकिन नीचे मेकिंग नाम की जगह थी और वह आबादी क्षेत्र के साथ-साथ आर्मी का बेस था ऐसे में बड़ी जन हानि की तस्वीर मुस्तफा के सामने थी तो इसलिए वहां हेलिकॉप्टर नहीं उतारा और उसे जंगल की तरफ मोड़ दिया और यह हादसा हो गया। मुस्तफा का परिवार उदयपुर शहर में ही रहता है। मुस्तफा की पढ़ाई के दौरान वे खेरोदा गांव से उदयपुर आए।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

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