शहीद माधो सिंह की देह पंचतत्व में विलीन, भाई ने दी मुखाग्नि

शहीद माधो सिंह की देह पंचतत्व में विलीन, भाई ने दी मुखाग्नि
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शहीद माधो सिंह की देह पंचतत्व में विलीन, भाई ने दी मुखाग्नि


जोधपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। जोधपुर में बालेसर का देवनगर गांव शनिवार को जयकारों से गूंज उठा। यहां के एक जवान का शनिवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। भारतीय सेना के 15 राजस्थान राइफल्स के जवान माधोसिंह इंदा की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई। शहीद के भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में लोग उमड़ पड़े। घर से चार किमी दूर श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।

जम्मू के राजौरी में बुधवार रात जवान माधो सिंह इंदा पुत्र कैप्टन कुंभसिंह इंदा शहीद हो गए थे। उनकी पार्थिव देह सड़क मार्ग से एंबुलेंस द्वारा शनिवार को सुबह 11.30 बजे फलौदी रोड फांटा स्थित शहीद स्मारक पर पहुंची। जहां से सेना के जवान खुले ट्रक में पार्थिव देह लेकर गांव के लिए निकले। इस दौरान अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। भारत माता के जयकारों से रास्ता गूंजता रहा। रास्ते में फलोदी रोड़ फांटा, कुई इंदा, कुई जोधा, पेट्रोल पम्प, चामुण्डा माता मार्ग, शहीद भवंरसिंह इंदा मार्ग, बालेसर कस्बे और मीठी बेरी मोड़ पर सड़क के दोनों तरफ खड़े लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। माधोसिंह अमर रहे के नारे लगाए। लगभग दो घंटे बाद अंतिम यात्रा घर पहुंची तो लोगों का मेला लग गया। भारत माता की जय, शहीद माधोसिंह इंदा के जयकारे लगातार लगते रहे। परिवार के सदस्यों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद चार किलोमीटर दूर श्मशान घाट तक सेना के खुले ट्रक में पार्थिव देह ले जाई गई। बीच रास्ते में भी जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई।

15 राज राईफल्स और अन्य टुकड़ियों के दो जेसीओं और 24 जवानों ने द्वारा हवा में तीन फायर कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया। उसके बाद 15 राज राईफल्स के मेजर गुरविन्दर सिंह, लेफ्टिनेंट अंशुम रेडू, मेजर राहुल बिस्वा समेत सेना के 2 जेसीओ और सेना के जवानों के साथ पूर्व प्रधान भवंरसिंह इंदा, सवाईसिंह इंदा, पृथ्वीसिंह इंदा, देवनगर सरपंच भवंरलाल प्रजापत समेत कई जनप्रतिनिधियों ने शहीद को पुष्प चक्र अर्पित किए। देवनगर गांव का जवान माधोसिंह 15 राज राइफल्स में कैप्टन थे। माधोसिंह साल 2014 में सेना में भर्ती हुए थे। पिछले महीने 15 अक्टूबर को माधोसिंह एक महीने की छुट्टी लेकर घर आया था। एक महीने की छुट्टी पूरी करने के बाद 15 नवंबर को घर से वापस रवाना हुए थे।

माधोसिंह के दादा पनेसिंह भी भारतीय सेना में थे। उसके बाद उनके पिता कुंभसिंह जो भी 15 राज राइफल्स में कैप्टन थे। माधोसिंह भी पिता वाली 15 राज राइफल्स में सैनिक थे। पिता 20 साल पहले सेना से रिटायर हो गए थे।

माधोसिंह के अलावा तीन भाई और एक बहन हैं। सभी की शादी हो चुकी है। चार भाईयों के नाम चुतर सिंह, सुमेर सिंह, उत्तम सिंह और मिश्रीसिंह है। चारों भाई घर पर ही खेती बाड़ी का काम काज करते हैं। माधोसिंह के माता का नाम अंतर कंवर और दादी का नाम लहर कंवर हैं। माधोसिंह के एक डेढ साल का लड़का कुलदीप सिंह और तीन साल की बच्ची तन्नु हैं।

माधोसिंह का दादी लहर कंवर से लगाव था। इस बार भी छुट्टी पर आए तब दादी की गोद में सोकर उसकी सेल्फी ली थी। परिवार के लोगों ने बताया कि माधोसिंह इस बार जब घर आया था तो एक सभी रिश्तेदारों के घर पर जाकर आया था।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

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