मणिपुर ब्यूटी ऑफ इंडिया, राजस्थान की कला और संस्कृति अपने आप में अनूठी : आईएएस एच.एल.गुईटे
बीकानेर, 19 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2011 बैच के अधिकारी व राजस्थान सरकार के आयुक्त एवं विशेष सचिव, शासन, निशक्तजन विभाग एच.एल. गुईटे ने शनिवार को बीकानेर में कहा कि मणिपुर और राजस्थान की संस्कृति बिल्कुल अलग है। हालांकि मणिपुर छोटा राज्य है। वहां की और यहां की संस्कृति के बारे में हम शेयर करते रहते हैं। राजस्थान से भी कई अधिकारी वहां कार्यरत है जिन्हें मणिपुर कैडर मिला हुआ है। मणिपुर ब्यूटी ऑफ इंडिया है, तो राजस्थान की कला और संस्कृति अपने आप में अनूठी है। क्रॉस कल्चर एक्सचेंज करते रहते हैं।
महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी (एमजीएसयू) द्वारा आयोजित भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के 61वें अधिवेशन में भाग लेने आए गुईटे ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि राजस्थान की विशिष्ट कला और संस्कृति के लिए राज्य को जाना जाता है। हाथ से बने उत्पाद यहां की एक प्रमुख विशेषता है।
युवाओं को सीख देने के उद्देश्य से उन्होंने मेंटल रिलेक्शन (मानसिक स्वास्थ्य) के बारे में बात की और कहा कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है, स्वस्थ विकल्प कैसे चुनना है यह निर्धारित करने में मदद करता है। मेंटल रिलेक्शन ही हमारे जीवन के कई पहलूओं को प्रभावित कर सकता है। साथ ही विषय और अनुशासन (सब्जेक्ट डिसीप्लेन) दोनों ही सैद्धांतिक अभ्यास है। दोनों के कोम्बिनेशन से सफलता जरुर मिलेगी।
सिविल सर्विस और एकेडमिक पर बात करते हुए आईएएस एच.एल. गुईटे ने यह भी कहा कि इन दोनों के बीच क्लोज रिलेशन है। उन्होंने यहां सेमीनार में स्टूडेंट और एकेडमिक पर्सन के रुप में प्रजेंट किया है और आईएएस के रुप में यदि रिप्रजेंट करते तो वो अलग तरह का प्रजेंटेशन होता है। एकेडमिक प्रजेंटेशन और आईएएस प्रजेंटेशन अलग तरह के होते हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी व अतिरिक्त रजिस्ट्रार डा. बिट्ठल बिस्सा भी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव
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