मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा प्राकृतिक और जनजातीय परंपराओं की धरोहर राज्य हैं: राज्यपाल
जयपुर, 21 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा राज्यों के स्थापना दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के यह तीनों राज्य प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही जनजातीय भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण धरोहर है l
राजभवन में रविवार को मणिपुर मेघालय और त्रिपुरा राज्यों का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने इन राज्यों के निवासियों से अनौपचारिक संवाद भी किया। उन्होंने मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा की पारंपरिक लोक संस्कृति और जनजातीय परंपराओं की चर्चा करते हुए इन राज्यों के विकास और एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए सबको मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत 21 जनवरी 1972 को इन तीनों राज्यों का उदय हुआ। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और पहाड़ियों से घिरे इन प्रदेशों के लोग भारत की जनजातीय संस्कृति को अभी भी बचाए हुएं हैं। उन्होंने भारत की संविधान संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी हमें जागरूक रहना चाहिए।
मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के निवासियों ने इस दौरान राजस्थान में रहने के अपने अनुभव साझा किए। त्रिपुरा के दल ने स्थानीय संस्कृति और गौरव से जुड़ा समूह गान प्रस्तुत किया।
मणिपुर मेघालय और त्रिपुरा राज्यों के निवासियों ने राजभवन स्थित संविधान उद्यान का भ्रमण कर उसे देश की अनुपम धरोहर बताया। इन राज्यों के निवासियों ने कहा कि राजभवन, राजस्थान में संविधान को कलात्मक रूप में प्रत्यक्ष अनुभव करना उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव है।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी
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