जल जीवन मिशन की प्रगति के लिए एकजुट होकर करें कार्य - चौधरी

जल जीवन मिशन की प्रगति के लिए एकजुट होकर करें कार्य - चौधरी
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जल जीवन मिशन की प्रगति के लिए एकजुट होकर करें कार्य - चौधरी


जयपुर, 23 फ़रवरी (हि.स.)। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सभी अभियंता राजस्थान को जल जीवन मिशन में ऊपरी पायदान पर लाने को चुनौती के रूप में लेते हुए मिशन के लक्ष्य पूरे करने में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के साथ परियोजनाओं में प्रगति आए इस पर पूरा फोकस किया जाए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थान जेजेएम के लक्ष्यों को हासिल करने में सफल होगा।

चौधरी शुक्रवार को यहां राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित जल जीवन मिशन पर आयोजित राज्य स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में प्रदेश भर से करीब एक हजार अभियंताओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि लोगों को पानी पिलाना पुण्य का काम है और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में होने के कारण हमें अंतिम व्यक्ति तक पेयजल की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी मिली है उसका निर्वहन करने में जी-जान से जुटें।

जलदाय मंत्री ने परियोजनाओं से जुड़े अभियंताओं को साइट विजिट कर मेजरमेंट बुक चैक करने एवं ठेकेदार फर्म द्वारा किये जा रहे कार्यों की पूरी निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन को पानी पिलाने जैसा पुण्य का कार्य हमें मिला है, ऐसे में यह सुनिश्चित करना हम सभी का फर्ज बनता है कि जनता को पेयजल को लेकर किसी भी तरह की तकलीफ नहीं हो। उन्होंने कहा कि पूर्व की गलतियों में सुधार लाते हुए परियोजनाएं बनाते समय इस बात की पूरा ध्यान रखा जाएगा कि जो योजना बन रही है उसमें पूरा पानी मिल रहा है या नहीं इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्य ऐसा करें कि प्रदेश की जनता की नजरों में आपकी छवि एक जिम्मेदार व्यक्ति की बने।

शासन सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. समित शर्मा ने कहा कि विभाग के अभियंता यह सुनिश्चित करें कि जो परियोजनाएं अभी चल रही हैं उनसे पर्याप्त, गुणवत्तापूर्ण एवं संतोषजनक पेयजल आपूर्ति हो सके। साथ ही, आगे आने वाली परियोजनाओं एवं अमृत योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो ताकि राजस्थान के प्रत्येक गांव-ढाणी तक पानी पहुंचाया जा सके। उन्होंने अमृत 2.0 के तहत प्रदेश के 183 नगरीय निकायों में घर-घर तक जल पहुंचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन भी बखूबी करने का संदेश दिया।

डॉ. शर्मा ने कहा कि पेयजल आपूर्ति का एक निश्चित समय तय होना चाहिए। किस शहर में कितनी देर तक और किस समय पेयजल आपूर्ति की जा रही है इसकी भी रूपरेखा तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ट्रेन समय पर आती है उसी प्रकार हमारी जलापूर्ति भी तय समय पर हो, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। इसके लिए हमें सूचना प्रौद्योगिक की भरपूर इस्तेमाल करना होगा। अभी स्काडा सिस्टम उपयोम में लाया जा रहा है और 38 प्रोजेक्ट्स में स्काडा मैपिंग की जा चुकी है जबकि 81 प्रोजेक्ट्स में इसकी मैपिंग बाकी है।

उन्होंने विभागीय अभियंताओं को लोकसेवा एवं पेयजल उपभोक्ताओं के प्रति समर्पण की भावना के साथ कार्य कर विभाग को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की सीख दी। उन्होंने सेवाभाव, हार्डवर्क, कमिटमेंट, समर्पण एवं विनम्रता को सफलता की कुंजी बताया।

जलदाय मंत्री ने इस अवसर पर रिजर्वायर क्लीनिंग मॉनिटरिंग एप की लांचिंग की। इस एप के माध्यम से प्रदेश में उच्च एवं स्वच्छ जलाशयों की क्लीनिंग की मॉनिटरिंग मोबाइल एप के माध्यम से की जाएगी।

कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में जेजेएम के की पर्फोरमेंस इंडीकेटर्स, पेयजल की गुणवत्ता में सुधार, मॉनिटरिंग एवं सर्विलांस, जेजेएम में नवाचारों तथा सक्सेस स्टोरीज, जलदाय विभाग में आईटी एवं नवाचारों, अमृत 2.0 आदि के बारे में चर्चा एवं प्रस्तुतीकरण हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/संदीप

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