उदयपुर के बायो पार्क में बड़े होंगे मां से बिछड़े लेपर्ड शावक

उदयपुर, 4 फ़रवरी (हि.स.)। उदयपुर जिले के सराड़ी गांव में मिले दो लेपर्ड शावकों को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है, जहां उनकी डॉक्टरों और केयरटेकर की देखरेख में परवरिश होगी। चार दिन पहले सराड़ी गांव में मंदिर के पास लगे पिंजरे में ये शावक फंसे थे। वन विभाग ने अनुमान लगाया कि इनकी मां आसपास ही होगी, इसलिए उसी स्थान पर एक और पिंजरा लगाया गया, लेकिन 60 घंटे के इंतजार के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली।
शावकों की मां नहीं मिलने के कारण वन विभाग ने उन्हें उदयपुर के सज्जनगढ़ बायो पार्क लाने का निर्णय लिया। दोनों शावकों की उम्र लगभग चार महीने है। यहां उन्हें अलग-अलग पिंजरों में रखा गया है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी सेहत की निगरानी कर रही है और एक केयरटेकर उनकी देखभाल में जुटा हुआ है।
वन विभाग का कहना है कि इन शावकों को जंगल में छोड़ना अब संभव नहीं है, क्योंकि वे अपनी मां के बिना जीवित रहने में सक्षम नहीं होंगे। ऐसे में इन्हें बायो पार्क में ही बड़ा किया जाएगा। विशेषज्ञों की देखरेख में इन्हें प्राकृतिक वातावरण देने की कोशिश की जाएगी, ताकि वे सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता