आयुर्वेद विश्वविद्यालय : शोध एवं कौशल संवर्धन से संबंधित दिए व्याख्यान
जोधपुर, 19 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग नई दिल्ली द्वारा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद के सभागार में चल रही स्नातकोत्तर छात्रों के गाइड के शोध एवं कौशल संवर्धन से संबंधित तीन दिवसीय वैज्ञानिक लेखन, शोध अखंडता और प्रकाशन नैतिकता वर्कशॉप के दूसरे दिन अलग-अलग विषय पर विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किए गए।
कार्यशाला के समन्वयक प्रोफेसर देवेंद्र चाहर ने बताया कि पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च गाइड ओरिएंटेशन कार्यशाला मे हिस्सा लेने के लिए देशभर से 57 प्रतिभागी आए है। कार्यशाला के प्रथम सत्र में जीएस आयुर्वेद महाविद्यालय हापुर उत्तरप्रदेश की सह आचार्य डॉ. सरोजनी कुचनुर ने ड्राफ़्टिंग ऑफ़ आर्टिकल एवं ट्रांसलेटिंग ऑफ़ थीसिस टू आर्टिकल विषय पर दो व्याख्यान दिए। दूसरे सत्र में आयुर्वेद महाविद्यालय पुणे की प्रोफ़ेसर योगिता ज़मदडी ने रिपोर्टिंग गाइडलाइन्स एवं राइटिंग रिव्यू विषय पर दो व्याख्यान दिए। तीसरे सत्र में एसआरएम आयुर्वेद महाविद्यालय बरेली के सह आचार्य डॉ. मनदीप जायसवाल ने रिसर्च आर्टिकल के आवश्यक कंपोनेंट एवं ड्रग रिसर्च बेस्ड ओरिजिनल आर्टिकल विषय पर दो व्याख्यान प्रस्तुत किए। अंतिम एवं चौथे सत्र में जीजे पटेल आयुर्वेद महाविद्यालय आनन्द गुजरात के प्रोफेसर योगेश देवल ने पब्लिकेशन एथिक्स एंड साइंटिफिक मिसकंडक्ट एवं केस रिपोर्ट राइटिंग विषय पर दो व्याख्यान प्रस्तुत किए। पीजीआईए निदेशक प्रोफेसर महेंद्र शर्मा ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। प्रोफेसर चाहर ने बताया कि वर्कशॉप के सत्र के अंत में प्रतिभागिओं के असेसमेंट के लिए कई गतिविधियां ऑनलाइन एवं ऑफलाइन करवाई गई।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश / संदीप
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