राजस्थान में कांग्रेस सरकार के शासनकाल में सबसे ज्यादा दलित अत्याचार के मामले : राजेंद्र राठौड़
जयपुर, 9 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गुरुवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद पी. चिदम्बरम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि चिदम्बरम आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं के हकों की बात कह रहे है लेकिन उन्हें पता नहीं है कि राजस्थान में ही कांग्रेस सरकार के शासनकाल में सबसे ज्यादा दलित अत्याचार के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ईडी, आयकर और सीबीआई पर आरोप लगाना कांग्रेस नेताओं की आदत हो गई है जबकि वे जानते है कि ये एजेन्सियां बिना जांच और सबूतों के किसी पर भी कार्रवाई नहीं करती है। आखिरकार कांग्रेस के ये नेता इन जांच एजेन्सियों से इतना डर क्यों रहे है।
राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पी. चिदम्बरम ने आज जयपुर में पत्रकार वार्ता कर कहा है कि किसानों का कृषि ऋण माफ किया गया है जबकि हकीकत यह है कि राजस्थान में 19 हजार से अधिक किसानों की जमीन नीलाम कर दी गई है और कर्ज से तंग आकर राजस्थान में 16 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है। 100 यूनिट बिजली का माफी के नाम पर जनता के साथ धोखा किया गया है अब यहां घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल बढकर आने लगे है। केन्द्रीय मंत्री शहरी क्षेत्र में मनरेगा के तहत 125 दिन का रोजगार दिए जाने की बात कह रहे हैं लेकिन यह नहीं बता रहे कि इस योजना में कितने बेरोजगारों को रोजगार दिया गया है। वे भूल गए कि बेरोजगारी में राजस्थान देश में नंबर एक स्थान पर पहुंच चुका है और यहां बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। उन्होंने चिरंजीवी योजना के तहत मुफ्त इलाज की बात तो कही लेकिन उन्हें शायद मालूम नहीं कि निजी अस्पताल इस योजना के तहत इलाज नहीं कर रहे हैं और सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के एक तिहाई पद खाली पडे हैं जिसके कारण मजबूर होकर लोगों केा महंगा इलाज करवाना पड रहा है।
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार ने कामधेनु बीमा योजना के तहत 40 हजार का पशु बीमा का प्रावधान किया लेकिन राज्य में एक भी पशु का बीमा नहीं हो पाया है। कांग्रेस सरकार ने हिंदी मीडियम के 3,606 सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवतर्तित कर दिया लेकिन एक भी अंग्रेजी के शिक्षक की भर्ती नहीं की जिसके कारण हिंदी शिक्षक ही उन्हें पढा रहे है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री का यह दावा खोखला है कि पिछले पांच वर्षों में राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने डेढ़ लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की जबकि हकीकत यह है कि राजस्थान में पेपर लीक के मामलों ने रिकार्ड कायम किया है और सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की सरपरस्ती में 19 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए है। उन्होंने भी सात गारंटिया गिनवा दी लेकिन यह गारंटी कैसे पूरी की जाएगी इसका रोडमैप ना तो मुख्यमंत्री बता पा रहें है और ना ही कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता।
उन्होंने ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने राजस्थान की अर्थव्यवस्था की विकास दर 14 फीसदी होने का दावा किया जबकि पिछले माह ही जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान में महंगाई दर पूरे देश में सबसे अधिक रही है। यहां देश में सबसे महंगा डीजल, पैट्रोल और बिजली लोगों को दी जा रही है। कांग्रेस नेता राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय बढने की बात कर गए लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि राजस्थान में पिछले पांच सालों में ही प्रति व्यक्ति कर्ज बढकर 70 हजार रूपए हो गया है। कांग्रेस सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और कुप्रबन्धन के कारण आज राजस्थान में हालात यह है कि यहां पैदा होते बच्चे के सिर पर 70 हजार का कर्ज होता है। अब राजस्थान की जनता इन कांग्रेस के नेताओं की झूठी गारंटियों के झांसे में नहीं आएगी और यहां मतदाताओं ने तय कर लिया है कि चुनावों में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर
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