अरावली संरक्षण को लेकर उदयपुर में वकीलों का जोरदार प्रदर्शन, कोर्ट से कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली

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अरावली संरक्षण को लेकर उदयपुर में वकीलों का जोरदार प्रदर्शन, कोर्ट से कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली


उदयपुर, 20 दिसंबर (हि.स.)। अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर उदयपुर में शनिवार को वकीलों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। अधिवक्ता परिषद और बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने सुबह कोर्ट परिसर से नारे लगाते हुए रैली निकाली, जो जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर सभा में तब्दील हुई।

रैली के दौरान वकीलों ने “अरावली बचाओ”, “प्रकृति से खिलवाड़ नहीं चलेगा” जैसे नारों के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया। कलेक्ट्रेट पहुंचकर अधिवक्ताओं ने अरावली संरक्षण से जुड़ा ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम एडीएम (प्रशासन) दीपेंद्र सिंह को सौंपा। ज्ञापन में अरावली पर्वत श्रृंखला में हो रहे कथित अतिक्रमण, खनन और पर्यावरणीय क्षति पर गहरी चिंता जताई गई।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अरावली केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं, बल्कि मेवाड़ की पहचान, पर्यावरण की सुरक्षा ढाल और जल स्रोतों की जीवनरेखा है। यदि अरावली कमजोर होती है तो इसका सीधा असर मौसम संतुलन, वर्षा चक्र और भूजल स्तर पर पड़ेगा, जिससे आम जनजीवन प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि अरावली सुरक्षित रहेगी तभी राजस्थान और उदयपुर का भविष्य सुरक्षित रहेगा।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र जैन ने कहा कि विकास आवश्यक है, लेकिन प्रकृति से खिलवाड़ किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सरकार से अपील की कि अरावली से जुड़े सभी निर्णय स्थानीय भावनाओं और पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखकर लिए जाएं। जरूरत पड़ने पर आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी भी दी गई।

सभा को अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष मनीष शर्मा, पूर्व अध्यक्ष रमेश नंदवाना सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने संबोधित किया। बड़ी संख्या में युवा अधिवक्ता भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी अरावली संरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

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