रजिस्ट्री नियमों के अचानक बदलाव पर वकीलों ने जताया विरोध
जोधपुर, 4 दिसंबर (हि.स.)। राज्य सरकार द्वारा रजिस्ट्री से जुड़े नए नियमों को अचानक लागू करने के विरोध में जोधपुर में वकील रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। गुरुवार को एडवोकेट्स एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया की अगुआई में वकीलों ने नारेबाजी करते हुए सभी रजिस्ट्री कार्य बहिष्कार कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन के कारण पूरा रजिस्ट्री ऑफिस बंद रहा और कार्य ठप हो गया।
एडवोकेट रतनाराम ठोलिया ने बताया कि सरकार ने आनन-फानन में बिना सोचे-समझे आदेश पारित कर दिया कि जो आम मुख्तारनामा से रजिस्ट्री हो रही थी, वो अब रजिस्टर्ड आम मुख्तारनामा से ही होगी। वकीलों का कहना है कि इस अचानक लागू किए गए नियम से आम जनता को भारी परेशानी हो रही है, क्योंकि कितने लोगों के दस्तावेज घर पर पड़े हुए हैं, जो अब निष्क्रिय हो गए हैं।
ठोलिया ने राज्य सरकार से निवेदन किया कि नियम बनाने से पहले कोई कट-ऑफ डेट पब्लिक को दी जाए, ताकि जनता को कुछ समय मिल सके और वे अपने काम की क्षतिपूर्ति कर सकें। नए नियमों के अनुसार पावर ऑफ अटॉर्नी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है और इसके बिना प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। वकीलों ने यह भी विरोध जताया कि अब तक जो गैर-रूपांतरित भूखंड की रजिस्ट्री हो रही थी, उसे अचानक बंद करना गलत है। राजस्थान में संशोधित नियमों के प्रावधानों के अनुसार, बिना भू-रूपांतरण या धारा 90ए की मंजूरी के जारी किए गए सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी। इस कदम का उद्देश्य अवैध भूमि बिक्री को रोकना बताया जा रहा है।
उप-पंजीयक की होगी जवाबदेही
नए नियमों में प्रावधान है कि यदि बिना रूपांतरण के सोसाइटी पट्टों का पंजीकरण किया जाता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित उप-पंजीयक की होगी। धारा 90ए के तहत कृषि भूमि को गैर-कृषि उपयोग के लिए परिवर्तित करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है और इसके लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

