कुंभलगढ़ बनेगा राजस्थान का छठा टाइगर रिजर्व, 1397 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पांच जिलों का समावेश 

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कुंभलगढ़ बनेगा राजस्थान का छठा टाइगर रिजर्व, 1397 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पांच जिलों का समावेश 


उदयपुर, 2 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने अगस्त 2023 में कुंभलगढ़ को राजस्थान का छठा टाइगर रिजर्व बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसके बाद, इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए दस सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार यह टाइगर रिजर्व पांच जिलों उदयपुर, राजसमंद, ब्यावर, पाली और सिरोही के हिस्सों में फैला हुआ होगा और इसका क्षेत्रफल कुल 1397 वर्ग किलोमीटर प्रस्तावित किया गया है।

कमेटी के चेयरमैन और मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), उदयपुर एसआर वेंकटेश्वर मूर्ति हैं। रिपोर्ट पर सामने आई कुछ जानकारी के अनुसार कुंभलगढ़ क्षेत्र टाइगर के लिए एक अनुकूल आवास है। कुंभलगढ़ के नीचे स्थित सादड़ी, देसूरी और रणकपुर जैसे घने जंगलों वाले क्षेत्रों को इस रिजर्व का हिस्सा बनाया गया है। आरंभ में एनटीसीए के निर्देशानुसार इस क्षेत्र में 4 बाघ लाए जाएंगे, जिन्हें दाे साल तक वन विभाग के ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा।

वन विभाग ने इस क्षेत्र में बाघों के आवास को बेहतर बनाने के लिए घास के मैदानों (ग्रासलैंड) पर कार्य शुरू किया है, जिससे चीतल और सांभर जैसे शाकाहारी जीव आसानी से आ सकें। कुंभलगढ़ सेंचुरी में शाकाहारी वन्यजीवों की बड़ी संख्या है, जिनमें 8,690 वन्यजीव दर्ज हैं। यहां के प्रमुख जीवों में चीतल, सांभर, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, जंगली सूअर, लंगूर, जंगली मुर्गी और मोर शामिल हैं। रावली और टॉडगढ़ क्षेत्रों में भी हजारों की संख्या में शाकाहारी वन्यजीव निवास करते हैं।

कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व का निर्माण न केवल वन्यजीवों के संरक्षण बल्कि क्षेत्र में जैव विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। यह परियोजना राज्य में वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा देने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत राजसमंद जिले के कुंभलगढ़, रावली-टॉडगढ़, झीलवाड़ा, नाथद्वारा ब्लॉक का भाग, भीम क्षेत्र, ब्यावर जिले के रावली-टॉडगढ़ का कुछ हिस्सा, पाली जिले के बिजागुड़ा, बाली का कुछ भाग, देसूरी, सादड़ी क्षेत्र, उदयपुर जिले के सायरा और देवला का भाग तथा सिरोही जिले के पिंडवाड़ा क्षेत्र का कुछ भाग प्रस्तावित किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

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