न्यायिक अधिकारीगण प्रत्येक प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विधि अनुसार करे न्याय : न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग
बीकानेर, 14 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी के निर्देशन में जिला परिषद् सभागार में बीकानेर एवं मेडता न्यायक्षेत्र के न्यायिक अधिकारीगण की नए आपराधिक कानून-2023 विषय पर एक दिवसीय सेमीनार आयोजित किया गया।
सेमिनार के प्रभारी अधिकारी विकास कालेर वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीकानेर ने बताया कि रविवार को संपन्न हुई कार्यशाला की अध्यक्षता न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग, राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने की। सेमीनार में बीकानेर एवं मेडता न्यायक्षेत्र के जिला न्यायाधीश सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों विशेषतः परिर्वतन संबंधी नए प्रावधानों बाबत चर्चा की गई, जिसमें न्यायाधिपति द्वारा समस्त अधिकारीगण को प्रत्येक प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विधि अनुसार नए आपराधिक कानूनों की पालना किए जाने बाबत मार्गदशन प्रदान किया गया।
सेमीनार के दौरान भारतीय न्याय संहिता में सुधारात्मक सिद्धान्त के तहत सजा के बतौर 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा जोडे जाने संबंधित प्रावधानों पर मनोज कुमार गर्ग द्वारा विशेष जोर दिया गया। कार्यक्रम के प्रोटोकॉल अधिकारी प्रकाश चंद्र मोदी ने बताया की सेमीनार में आए न्यायिक अधिकारीगण का स्वागत जिला एवं सेशन न्यायाधीश, बीकानेर देवेन्द्र प्रकाश शर्मा ने किया तथा अन्त में मदन लाल भाटी, जिला एवं सेशन न्यायाधीश, मेडता ने मनोज कुमार गर्ग एवं समस्त न्यायिक अधिकारीगण का धन्यवाद ज्ञापित किया।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ राजीव जोशी / ईश्वर
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