बनना है धनवान तो जरूर करें दान : ललितप्रभ
जोधपुर, 19 जुलाई (हि.स.)। संत ललितप्रभ महाराज ने कहा है कि अमीर बनना हर व्यक्ति की अभिलाषा होती है, पर कोई भी व्यक्ति मात्र मेहनत और बुद्धि से अमीर नहीं होता है। अमीर होने के लिए शुभ पुण्य का संचय होना भी जरूरी होता है और सत्कर्म से ही किसी भी व्यक्ति की भाग्योदय होता है। हर व्यक्ति को अपने व्यापार में परमात्मा के नाम, जीवदया और मानव सेवा के नाम एक छोटा सा हिस्सा जरूर रखना चाहिए। इससे कमाये हुए धन की शुद्धि भी हो जाती है और हमारी भाग्यदशा भी उत्तम बन जाती है। जैसे हरी घास को हरा रखने के लिए उसमें पानी देना जरूरी होता है। वैसे ही भाग्य को हरा-भरा रखने के लिए सत्कर्म करना जरूरी होता है।
खाया-पीया अंग लगेगा, दान दिया संग चलेगा और बाकी बचा जंग लगेगा। धन की तीन ही गति है - उपभोग, उपयोग और नाश। व्यक्ति को केवल उपभोग ही नहीं करना चाहिए अपितु धन को शुभ कार्य में लगाकर मानवीय हितों के लिए उपयोग भी करना चाहिए। जिंदगी में सब कुछ कमाया यहीं रह जाता है, बस वही व्यक्ति अगले जन्म तक साथ ले जाता है जो अपने धन को शुभ कार्य में लगा दिया करता है।
वे यहाँ गाँधी मैदान में आयोजित 57 दिवसीय जीने की कला प्रवचन माला में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि धर्म के चार चरणों में दान सर्वप्रथम है, शील, तप और भाव दान के बाद आता है। सुबह उठकर योग कीजिए, पर दिन में दूसरों का सहयोग जरूर कीजिए। योग करने से शरीर स्वस्थ रहेगा पर सहयोग करने से दुनिया के साथ-साथ हमारा भी भला होगा। जो लोग धन का सद्उपयोग करते हैं वे हकीकत में धन के मालिक हैं बाकी सब तो चौकिदार हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश / ईश्वर
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