झूलेलाल की जयंती: जयपुर भ्रमण को निकले भगवान झूलेलाल, शोभायात्रा में साकार हुई सिंधीयत
जयपुर, 10 अप्रैल (हि.स.)। सिंधी समाज के आराध्य भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव चेटीचंड बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य आयोजन एमआई रोड स्थित श्री अमरापुर दरबार में हुआ। यहां संत मोनू महाराज के सान्निध्य में भगवान झूलेलाल की आराधना की गई। कंवर नगर, आदर्श नगर, राजापार्क, मानसरोवर, प्रतापनगर, मुरलीपुरा सहित विभिन्न कॉलोनियों के झूलेलाल मंदिरों में सुबह भगवान झूलेलाल का पंचामृत अभिषेक कर नवीन वस्त्र धारण कराए गए। ऋतु पुष्पों से श्रृंगार कर मंदिर के शिखर पर लाल रंग की धर्म ध्वजा फहराई गई। भगवान को मीठे चावल और छोले का भोग लगाया गया। मंदिर में अखो (चावल और चीनी) से पल्लव प्रार्थना की गई। युवाओं ने भगवान को रिझाने के लिए सिंधी लोक नृत्य छेज किया। इस दौरान मंदिर आयो लाल झूलेलाल...से गूंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को चेटीचंड की बधाई दी।
चारदीवारी में गूंजा आयोलाल झूलेलाल
चेटीचंड सिंधी मेला समिति की ओर से चौगान स्टेडियम से शोभायात्रा निकाली गई। पूज्य सिंधी पंचायत, पुरानी बस्ती के सहयोग से निकाली शोभायात्रा को श्री अमरापुर दरबार की संत मंडली ने ज्योति प्रज्ज्वलित कर रवाना किया। चेटीचंड सिंधी मेला समिति के अध्यक्ष अशोक सेवानी, प्रवक्ता तुलसी संगतानी, पखवाड़ा सचिव सुरेश हंसराजानी एवं अन्य पदाधिकारियों ने भगवान झूलेलाल की आरती उतारी। सजे धजे हाथी, ऊंट, घोड़े, बग्गी और लवाजमे के साथ सिंधीयत को साकार करती शोभायात्रा में कई बैंड सिंधी संगीत की स्वर लहरियां बिखेरते चल रहे थे। शोभायात्रा में 40 एक से बढक़र एक झांकियां शामिल रहीं। प्रथम पूज्य गणेशजी, राम दरबार, शिव परिवार, दुर्गा माता, हनुमानजी के कंधे पर श्रीराम-लक्ष्मण, कमल पुष्प पर भगवान झूलेलाल, जल में नर मछली पर झूलेलाल की कलात्मक झांकियों के साथ स्वचालित झांकी में भगवान की आरती हो रही थी। सिंध की संस्कृति को दर्शाती सजीव झांकियों में सिंध के वीर प्रतापी राजा दाहिर सेन, शहीद हेमू कालाणी, संत कंवर राम साहिब की झांकी आकर्षण का केन्द्र रहीं। शोभायात्रा चौगान स्टेडियम से आरंभ हो कर गणगौरी बाजार,चांदपोल बाजार, खजाने वालों का रास्ता, इंद्रा बाजार, नेहरू बाजार,बापू बाजार, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, हवामहल बाजार, चांदी की टकसाल होती कंवर नगर स्थित झूलेलाल मंदिर पहुंची। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। कार्यक्रम के समापन पर झांकियों के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
सिंधी सपूत की उपाधि
शोभायात्रा के प्रारंभ में पूज्य सिंधी पंचायत पुरानी बस्ती की ओर से प्रत्येक वर्ष सिंधी सपूत की उपाधि समाज के किसी श्रेष्ठि पुरुष को दी जाती है। संयोजक नंद लाल लालवानी ने बताया कि सिंधी सपूत 2024 की उपाधि सिंधी लेखक गोबिंद राम माया को दी गई ।पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
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