जेडीए का लैंड बैंक आमजन को आ रहा रास
जयपुर, 13 मई (हि.स.)। जयपुर विकास प्राधिकरण खुद के कामकाज को स्मार्ट बनाने के साथ खुद की संपत्तियों का डाटा एक जगह सुरक्षित कर रहा है, ताकि आमजन प्रापर्टी खरीदने के बारे में घर बैठे जानकारी पता कर सकें। इसके लिए सभी भूखंडों का डाटा एकत्र कर उन्हें जीपीएस से लगातार जोडा जा रहा है। इसके साथ ही जेडीए की वेबसाइट पर शुरू हुआ लैंड बैंक पोर्टल इन सब काम के लिए आमजन को रास आने लगा है। जेडीए के अधिकारियों के मुताबिक निवेशक भी शहर में किसी भी जगह की जमीन देखने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
जेडीए के जोन उपायुक्तों के मुताबिक अब तक अतिक्रमण हटाकर खाली करवाई गई संपत्तियों पर तहसीलदार से लेकर अन्य कर्मी मॉनिटरिंग करेंगे। साथ ही आमजन से जगहों के बाबत फीडबैक भी ले रहे हैं। निर्देश मिलने के बाद अच्छी जगहों वाली संपत्तियों पर नई कॉलोनियां काटी जाएगी। वहीं भविष्य में जब भी प्रवर्तन शाखा राजकीय भूमि से अतिक्रमण हटाकर खाली करवाएगी तो इस संबंध में तथ्यात्मक नोट पेश करेगी। इस नोट में मौके पर भूमि का संभावित उपयोग का उल्लेख भी किया जाएगा।
पोर्टल में सेक्टर कॉमर्शियल जमीनों का डाटा अब ऑनलाइन उपलब्ध होने के अलावा कई महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल की जा रही है। शहर में चारों ओर जेडीए की बेशकीमती अतिक्रमण मुक्त जमीनों की जानकारी भी यहां उपलब्ध हो रही है इसके साथ ही आगामी दिनों में अतिक्रमण मुक्त जमीनों पर कॉलोनियां काटने, अन्य विकास कार्य भी शुरू किए जाएंगे।
गौरतलब है कि जेडीसी ने सभी जोन उपायुक्तों को उनके जोन में स्थित सेक्टर कॉमर्शियल भूमि का डाटा कम्प्यूटर सेल गूगल शीट पर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। ताकि भूखंडों का लैंड बैंक बनाया जा सके। भविष्य में इस डेटा के आधार पर नियमानुसार आवेदन लिए जाएंगे।
यह हो रहा फायदा
रिजर्व प्राइज से लेकर इंस्टीटयूशनल अलोटमेंट, अप्रूव्ड बिल्डिंग योजना की जानकारी के अलावा अप्रूव्ड बिल्डिंग प्लान के नक्शे, प्रोपर्टी तलाशने, क्षेत्रवार भूखंडों की जानकारी , भूखंडों की कीमत, पसंदीदा जगह तलाश कर उसका फोटो देखने, भूखंड के साथ लोकेशन और अन्य जानकारी, संबंधित भूखंड देखने जाना है तो जीपीएस से जरिए मौके पर पहुंच सकते हैं। साथ ही आमजन को फर्जी कॉलोनियों में पैसा निवेश करने से रोककर ठगी से बचाने का काम भी किया जा रहा है।
इस संबंध में जेडीए कमिश्नर मंजू राजपाल का कहना है कि आमजन की राहत देने के लिए यह व्यवस्था की है। इसके अलावा आमजन को फ्रॉड से बचाने की भी यह कवायद है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश/संदीप
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