जयरंगम–2025: रंगमंच—संघर्ष और मनोरंजन की यादगार पलों के साथ अलविदा

WhatsApp Channel Join Now
जयरंगम–2025: रंगमंच—संघर्ष और मनोरंजन की यादगार पलों के साथ अलविदा


जयपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। रंगमंच,कला और संस्कृति के संगम के रूप में पहचान बना चुके 14वें जयरंगम (जयपुर रंग महोत्सव) का रविवार को भव्य समापन हुआ। अंतिम दिन दर्शकों ने नाटक, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए विविध भावनाओं का अनुभव किया। दिन की शुरुआत जयपुर वॉल्ड सिटी में हेरिटेज वॉक से हुई।

कृष्णायन में श्रीनिवास बिसेट्टी के नाटक ‘वेटिंग फ़ॉर नसीर’ ने युवा रंगकर्मियों के संघर्ष, सपनों और पहचान की तलाश को प्रभावी ढंग से मंच पर रखा। वहीं जवाहर कला केंद्र में प्रियाक्षी अग्रवाल की शोध-आधारित प्रस्तुति ‘नंगा कपड़ा’ ने स्त्री स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का सशक्त संदेश दिया।

रंगायन में मकरंद देशपांडे निर्देशित नाटक ‘सियाचिन’ ने बर्फीली सरहदों पर तैनात भारतीय जवानों के अदम्य साहस और बलिदान को जीवंत कर दर्शकों को भावुक कर दिया। महोत्सव का समापन सौरभ नायर निर्देशित मनोरंजक नाटक ‘गोल्डन जुबली’ से हुआ, जिसने रेट्रो दौर की प्रेम कहानी और सिनेमा के रोमांच के साथ दर्शकों को भरपूर एंटरटेनमेंट का डोज दिया।

फेस्टिवल डायरेक्टर मन गेरा ने बताया कि इस वर्ष महिला निर्देशकों को विशेष मंच दिया गया और आने वाले संस्करणों में जयरंगम नई प्रस्तुतियों के साथ समाज की सशक्त आवाज बनकर उभरेगा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

Share this story