राजनीति में नैतिकता का पतन चरम पर है, इसलिए राजनीति से संन्यास ही रास्ता : पूनिया

राजनीति में नैतिकता का पतन चरम पर है, इसलिए राजनीति से संन्यास ही रास्ता : पूनिया
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राजनीति में नैतिकता का पतन चरम पर है, इसलिए राजनीति से संन्यास ही रास्ता : पूनिया


जोधपुर, 21 नवंबर (हि.स.)। प्रदेश की कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी और जाट समाज की राजनीति में अपना वर्चस्व रखने वाले विजय पूनिया ने आज कहा कि उन्होंने और उनकी पत्नी ऊषा पूनिया ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। वो अब न तो भाजपा की और नहीं कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल का प्रचार प्रसार नहीं करेगे।

जोधपुर में अपनी पत्नी उषा पूनिया के खिलाफ भाजपा नेत्री ज्योति मिर्धा और उसकी बहन की ओर से दर्ज कराये मुकदमे के खिलाफ कोर्ट में राहत मिलने के बाद दोनों बहनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के न्यायालय के आदेश के बाद पत्रकारों से रूबरू हो रहे है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राजनीति में नैतिक मूल्यों का कोई महत्व नहीं रहा है और नहीं कोई राजनीतिक परिवारों की पार्टियों के प्रति विश्वास। हर बार की तरह इस बार भी राजस्थान में सिर्फ विधायक बनने के लिये भाजपा कांग्रेस के नेताओं ने एक दूसरे की पार्टियों को छोडऩे के साथ नया घर बनाया, लेकिन इनको कहने और सुनाने वाला कोई नहीं बचा है।

उन्होंने कहा कि सेवा के नाम पर राजनीति करके अपने हित साधने वाले नेताओं के बारे में कहा कि वे टिकट पाने के लिये किसी हद तक जा सकते है। इस तरह की राजनीति के कारण वे राजनीति से संन्यास लेकर सिर्फ समाज सेवा करते रहेगे।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

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