दिल्ली प्रीव्यू के साथ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 की भव्य शुरुआत

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दिल्ली प्रीव्यू के साथ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2026 की भव्य शुरुआत


जयपुर, 20 दिसंबर (हि.स.)। वेदांता की प्रस्तुति जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल जिसे ‘दुनिया का सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजन’ माना जाता है, अपने 19वें संस्करण के साथ 15 से 19 जनवरी 2026 तक जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में वापस लौट रहा है। फ़ेस्टिवल से पहले, इसके निर्माता टीमवर्क आर्ट्स ने हाल ही में नई दिल्ली के द लीला पैलेस में दिल्ली प्रीव्यू का आयोजन किया। इस अवसर पर फ़ेस्टिवल के विस्तृत कार्यक्रम की एक झलक प्रस्तुत की गई और विचार, संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए दुनिया के सबसे प्रभावशाली मंचों में से एक के रूप में इसकी भूमिका को फिर से रेखांकित किया गया।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 19वां संस्करण दुनिया भर से अलग-अलग और विशिष्ट आवाज़ों को एक मंच पर लाएगा। इसमें अभिषेक सिंह, अली एस्लामी, एलिस ऑसवाल्ड, आलोक वैद-मेनन, अनामिका, एंड्रयू ग्राहम डिक्सन, ऐन एपल बॉम, अनुराधा रॉय, अरविंद सुब्रमण्यम, बानू मुश्ताक़, डी. वाई. चंद्रचूड़, एडवर्ड लूस, एला अल-शमाही, एस्तेर डुफ़लो, फ़रा दबोई वाला, फ़िंटन ओ’टूल, फ़्रेडरिक लोगेवॉल, गौर गोपाल दास, गोपाल कृष्ण गांधी, जनीना रामिरेज़, जावेद अख़्तर, जिमी वेल्स, किरण देसाई, लियो वराडकर, महाराजा गज सिंह, मार्सिया लैंगटन, मेघा मजूमदार, निकोलस स्टर्न, पलनिवेल त्यागा राजन, पर्सिवल एवरेट, रैचल क्लार्क, रिचर्ड फ़्लैनगन, रिचर्ड हॉर्टन, शिखर धवन, स्टीफ़न फ़्राय, सुधा मूर्ति, तान्या तलागा, टिम बर्नर्स-ली, टॉम फ़्रेस्टन, उस्सामा मक़दिसी, वीर दास, विश्वनाथन आनंद, विलियम सीघार्ट, योशितोकी ओइमा सहित अनेक विचारक, लेखक, कलाकार, नीति-निर्माता और सांस्कृतिक नेतृत्वकर्ता शामिल होंगे। यह संस्करण विचारों, साहित्य और संवाद का एक सच्चा वैश्विक उत्सव होगा।

समावेशिता जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का एक केंद्रीय मूल्य है। इसी प्रतिबद्धता के तहत नूपुर संस्थान के सहयोग से सांकेतिक भाषा व्याख्या की व्यवस्था की गई है, ताकि सभी दर्शकों के लिए अधिक सुलभ और समावेशी अनुभव सुनिश्चित किया जा सके। फ़ेस्टिवल के साथ-साथ दक्षिण एशिया के प्रमुख प्रकाशन सम्मेलन जयपुर बुकमार्क का 13वां संस्करण भी आयोजित होगा, जिसमें मराठी भाषा, अनुवाद, कहानी कहने के नए प्रयोगों और प्रकाशन जगत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की बदलती भूमिका पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस वर्ष द रॉयल नॉर्वेजियन एम्बेसी जयपुर बुकमार्क की कंट्री पार्टनर है। जयपुर बुकमार्क ब्रिटिश काउंसिल के साथ अपनी संयुक्त पहल ‘इंडिया–यूके पब्लिशिंग फ़ेलोशिप’ को भी जारी रखेगा, जिसका उद्देश्य स्वतंत्र प्रकाशकों के बीच पेशेवर सहयोग को गहरा करना और उन्हें वैश्विक मंच पर व्यापक पहचान दिलाना है। तमिलनाडु टेक्स्ट बुक ब्यूरो, सेज पब्लिकेशंस और महाराष्ट्र सरकार का मराठी भाषा विभाग इस वर्ष जयपुर बुकमार्क के सत्र साझेदार हैं।

फ़ेस्टिवल के सांस्कृतिक विस्तार को आगे बढ़ाते हुए जयपुर म्यूजिक स्टेज 15 से 17 जनवरी 2026 तक लौटेगा, जिसमें समकालीन संगीतकारों और विभिन्न शैलियों को मिलाने वाली प्रस्तुतियों की सशक्त श्रृंखला होगी। यह साहित्यिक फेस्टिवल के भीतर भारत के सबसे प्रतीक्षित लाइव संगीत मंचों में से एक बना हुआ है। दिल्ली प्रीव्यू में सिकंदरा घराने से ताल्लुक रखने वाले प्रसिद्ध क़व्वाल निज़ामी बंधु की प्रस्तुति भी हुई, जो हजरत निजामुद्दीन औलिया और हज़रत अमीर ख़ुसरो के दरबारी गायकों की चार सदियों पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

फेस्टिवल पर बात करते हुए सह-संस्थापक और फ़ेस्टिवल के सह-निदेशक विलियम डेलरिम्पल ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल अपने आरंभ से ही साहित्यिक उत्कृष्टता, गहन विद्वत्ता और दुनिया भर से आने वाले मानवीय चिंतन की सबसे रोमांचक धाराओं के संगम पर खड़ा रहा है, और हमने हमेशा इन तत्वों को उत्साह, बुद्धि और विशिष्ट शैली के साथ प्रस्तुत किया है। हर वर्ष हम दुनिया की ओर एक और बड़ी खिड़की खोलने की कोशिश करते हैं, और 2026 का संस्करण शायद अब तक का हमारा सबसे महत्वाकांक्षी संस्करण होगा। हम नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अग्रणी वैज्ञानिकों, क्रांतिकारी इतिहासकारों, दार्शनिकों, उपन्यासकारों, कवियों और कलाकारों सहित दुनिया के कुछ श्रेष्ठतम मस्तिष्कों को एक सच्चे बौद्धिक संवाद की भावना के साथ एक मंच पर ला रहे हैं। इन सभी तत्वों से मिलकर एक शानदार मिश्रण जयपुर में तैयार होगा। मुझे सबसे अधिक उत्साहित करने वाली बात उन असाधारण संवादों और चर्चाओं की श्रृंखला है जो यहां आयोजित होंगी। क्लासिक के पुनर्पाठ से लेकर भू-राजनीति और एआई पर तात्कालिक बहसों तक या फिर कविता, साहसिक नई कथाएं और मानविकी के क्षेत्र के लेकर क्रांतिकारी विकास तक। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल हमेशा इस बात का उत्सव रहा है कि शब्द किस तरह दुनिया को उसकी विविधताओं सहित समझने में हमारी मदद करते हैं, और इस वर्ष, पहले से कहीं अधिक, दर्शकों को वही व्यापकता, गहराई और विस्मय का अनुभव होगा जिसने इस फेस्टिवल को एक अद्वितीय वैश्विक आयोजन बनाया है, जिसे निर्विवाद रूप से दुनिया के लेखकों का सबसे बड़ा सम्मेलन माना जाता है।

सह-संस्थापक और फ़ेस्टिवल की सह-निदेशक नमिता गोखले ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल साहित्य प्रेमियों के लिए एक वार्षिक तीर्थयात्रा जैसा है। हम बदलाव के समय में जी रहे हैं, और हमारा 2026 संस्करण कला और विज्ञान, किताबों और विचारों, बहस और संवाद, कविता और कथा, रचनात्मक कल्पना और स्वप्नशील मन के दृष्टिकोण से हमारी दुनिया की पड़ताल करेगा।

टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर संजॉय के. रॉय ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल खुलेपन और आदान-प्रदान की भावना में निहित एक वैश्विक मंच के रूप में विकसित हुआ है। विभिन्न अनुशासनों, भौगोलिक क्षेत्रों और दृष्टिकोणों से आने वाली आवाज़ों को एक साथ लाकर यह फ़ेस्टिवल ऐसे संवादों के लिए स्थान बनाता है जो आज के समय के अनुकूल भी हैं और सदा जीवित रहने वाले भी।”

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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