मोदीजी आएं या अमित शाह कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जनता मन बना चुकी : गहलोत
जयपुर, 25 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अजमेर दौरे को लेकर राजस्थान की सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के अजमेर दौरे को लेकर ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का मुद्दा उठाया है। गहलोत ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम लिए बिना उन पर ईआरसीपी प्रोजेक्ट रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार को उकसाने का आरोप लगाया है। गहलोत जयपुर में गुरुवार को होमगार्ड निदेशालय के नए भवन का लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी का काम रुकवाने का प्रयास किया गया। मध्यप्रदेश से जानबूझकर ऑब्जेक्शन करवाया गया। मुझे लगता है मंत्री ने (गजेंद्र सिंह ने) मध्यप्रदेश को भड़काया होगा और ऑब्जेक्शन करने को कहा होगा। पीएम मोदी अजमेर में उसी जगह आ रहे हैं जब वे पांच साल पहले चुनावों के दौरान आए थे और ईआरसीपी पर घोषणा की थी। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं पीएम उस जगह जाएंगे, हो सकता है कि उनको अपने वादे याद आ जाएं और हो सकता है उस दिन कोई घोषणा कर दें। उनको घोषणा करनी चाहिए, इसमें राजनीति की बात नहीं है। ईआरसीपी उनके सरकार की योजना है। इस योजना को आगे बढ़ाना पड़ेगा। इन्होंने रिफाइनरी का काम रोक दिया था कि उनका क्रेडिट कांग्रेस को नहीं मिले। यह तो उनका खुद का प्रोजेक्ट है जिसे हम आगे बढ़ा रहे हैं। हमने 9000 करोड़ का बजट रखा है। हम उनके काम को आगे बढ़ा रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि जलशक्ति मंत्री ही ऐसे हैं जिनकी कोई रुचि ही नहीं है। प्रधानमंत्री ने दौसा में ईआरसीपी पर जो बात कही उसका कोई तुक नहीं है। मैं चाहता हूं कि ईआरसीपी पर कोई दिक्कत है तो तो हम सबको बुलाकर बात करें। मध्य प्रदेश-राजस्थान से बात करें, कोई न कोई हल निकाले। हमें तो मालूम है कि यहां 2005 में मीटिंग हुई थी, तब राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बैठे थे। उस बैठक में मध्यप्रदेश को बांध बनाने की मंजूरी दी गई थी।
2005 में हुई बैठक मेंं बनी सहमति के आधार पर मध्यप्रदेश तो काम कर रहा है, उनको एनओसी दे रहे हैं, आप बड़े-बड़े बांध बना रहे हैं। हमारी बारी आई तो मना करवा दिया। अब लगता है कि मध्यप्रदेश से जानबूझकर ऑब्जेक्शन करवाया। जब से इस योजना पर हमने काम शुरू किया तो इन्होंने वहां से ऑब्जेक्शन करवाया। मुझे लगता है जलशक्ति मंत्री ने मध्यप्रदेश को कहा होगा कि आपत्ति कीजिए। तभी मध्यप्रदेश ने वह मुद्दा छेड़ दिया जिसे छेड़ना नहीं चाहिए था। यह पीने और सिंचाई के पानी की योजना है, कितने लोगों को इसका लाभ मिलता।
भाजपा के भ्रष्टाचार के आरोपों पर गहलोत ने कहा कि ये घबराए हुए लोग हैं, कर्नाटक के बाद इनकी हालत खराब हो गई है। कर्नाटक के सीएम के बारे में जो 40 प्रतिशत के आरोप लगे थे, वे आरोप इन पर चिपक गए हैं। राजस्थान में तो सरकार ने जो कर दिखाया है वह देश में किसी राज्य में नहीं हुआ है। एसीबी के इतने छापे पड़े हैं राजस्थान में जितने कहीं नहीं पड़े। 1750 छापों में करप्शन करने वाले अफसरों को पकड़ा गया। कलेक्टर, एसपी तक को एसीबी ने पद पर रहते अरेस्ट किया है, बड़े अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की है। हमने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस कर रखा है। हम चुनावों में विकास के मुद्दे पर जाएंगे। हमने जनता के लिए जो काम किए हैं उन्हें लेकर चुनाव में जाएंगे। झूठ बोलने की इनकी फितरत है। इस बार इनकी चलने वाली नहीं है। चाहे मोदीजी आएं या अमित शाह कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनावों में जमकर पैसे खर्च करेगी। पैसे बांटे जाएंगे और यह बांटते रहते हैं। जनता इस बार तय कर चुकी है। पांच साल गवर्नेंस देने का प्रयास किया। हम जानते हैं कि जनता माई बाप होती है, कितने अच्छे काम करो उसके बाद फैसला जनता ही करती है। हमें गर्व है कि हम उस कांग्रेस पार्टी के सिपाही हैं जिसने देश को लोकतंत्र दिया। गहलोत ने कहा कि रकबर मामले में चार मुल्जिम को लोअर सजा दी है। हम देखेंगे कि आगे क्या करना है? दोषियों को सजा मिले।
जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने के लिए हमने भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल को वकील किया है। सुनवाई शुरू हो रही है, उसमें जरूर फैसले होंगे। हमारी सरकार आने के बाद ही ब्लास्ट आरोपियों को फांसी की सजा हुई थी। विपक्ष के लोग अनावश्यक रूप से भ्रमित करते हैं। ब्लास्ट पीड़ितों को कैसे न्याय मिले इस पर हमें चिंता है। न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह मॉनिटरिंग करते हैं कि जिन्होंने अपराध किया उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित
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