छह हजार करोड़ रुपये में बदलेगी जयपुर एयरपोर्ट की काया

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छह हजार करोड़ रुपये में बदलेगी जयपुर एयरपोर्ट की काया


छह हजार करोड़ रुपये में बदलेगी जयपुर एयरपोर्ट की काया


जयपुर , 13 जुलाई (हि.स.)। जयपुर एयरपोर्ट पर बुनियादी ढांचे के विकास पर 6,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह निवेश चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। जयपुर एयरपोर्ट पर टर्मिनल तीन का भवन बनाया जाएगा। इस राशि का उपयाेग एक विस्तृत मास्टर प्लानिंग के तहत एयरपोर्ट की सुरक्षा, यात्री सुविधा और सहित अन्य उपयोग के लिए किया जाएगा। एयरपोर्ट पर टर्मिनल भवन तीन के अलावा मौजूदा टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 पर नए बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाना है।

एयरपोर्ट प्रवक्ता अभिषेक गाैड़ ने बताया कि 2027 तक जयपुर एयरपोर्ट पर सालाना यात्री भार 9.8 मिलियन पहुंचने की उम्मीद है। नया टर्मिनल भवन बढ़ते यात्री भार को प्रभावित तरीके से संभालने में मददगार साबित होगा। एयरपोर्ट पर एक एकीकृत कार्गो टर्मिनल, नए टैक्सी वे, एप्रन और एक रैपिड एग्जिट टैक्सीवे (आरईटी) भी बनना प्रस्तावित हैं। डिजीयात्रा, यात्री वाई-फाई और अन्य आईओटी-आधारित यात्री सुविधाओं जैसी पहल से यात्री अनुभव में वृद्धि होगी और निर्बाध यात्रा संभव होगी। पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग, उच्च ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (जीडब्ल्यूपी) रेफ्रिजरेंट से कम जीडब्ल्यूपी वाले रेफ्रिजरेटर में बदलाव, और बिचून में एक मिनी जंगल का विकास किया जाएगा।

उन्हाेंने बताया कि जयपुर एयरपोर्ट पर टर्मिनल 2 के नवीनीकरण का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत बेहतर यात्री अनुभव के लिए अतिरिक्त बोर्डिंग गेट, प्रवेश द्वार, अतिरिक्त बैठने की जगह, बैग के तेजी से प्रसंस्करण के लिए बैगेज हैंडलिंग सिस्टम (बीएचएस) की तैनाती और समर्पित पिकअप और ड्रॉप-ऑफ जोन का निर्माण किया जाएगा। एयरपोर्ट पर कार्गो परिचालन आर्थिक विकास को गति प्रदान करता है। 22,500 मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाले इंटीग्रेटेड कार्गो कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी प्रस्तावित है,इससे विकास के अवसर बढ़ेंगे।

गाैड़ के अनुसार विकास कार्यों के तहत 5,000 केएल क्षमता वाले फ्यूल (ईंधन) फार्म के निर्माण से विमान के टर्नअराउंड समय में कमी आएगी, इससे हवाई अड्डे के संचालन में दक्षता आएगी। नए टैक्सीवे और एप्रन के साथ-साथ रैपिड एग्जिट टैक्सीवे (आरईटी) के निर्माण से दक्षता में और वृद्धि होगी जो विमान को कम से कम समय और दूरी में रनवे खाली करने में सक्षम बनाएगी। हवाई अड्डे का संचालन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा अक्टूबर 2021 में 50 वर्षों के कार्यकाल के लिए जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को सौंप दिया गया था। इसमें मौजूदा परिसंपत्ति का हस्तांतरण और चल रहे पूंजीगत कार्य शामिल हैं। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को यात्री सुविधा के लिए सर्वोत्तम श्रेणी के सुरक्षा मानकों और सेवाओं का पालन करना अनिवार्य है। इसी आधार पर एक मास्टर प्लान बनाया और यात्री सुविधा और सुरक्षा के लिए आवश्यक कुछ पूंजीगत कार्यों की पहचान की।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार मीना / संदीप माथुर

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