बारिश के दौरान जगतपुरा के बाशिंदों को नहीं मिल जाएगी जल भराव से मुक्ति
जयपुर, 6 जून (हि.स.)। जयपुर विकास प्राधिकरण प्रशासन की ढुलमुल नीति के चलते जगतपुरा और उसके आस-पास के इलाके में रहने वाले लोगों को बारिश के दौरान जलभराव की समस्या से मुक्ति नहीं मिल पाएगी। जेडीए ने इस इलाके में 45 करोड़ रुपये की लागत से ड्रेनेज का काम शुरू तो कर दिया है, लेकिन काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। तय डेडलाइन तक ड्रेनेज में लगी कम्पनी आधा ही काम पूरा कर पाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ड्रेनेज सिस्टम डवलप नहीं होने से जगतपुरा, रामनगरिया, एसकेआईटी, सेंट्रल स्पाइन, ज्ञान विहार, वीआईटी सहित उसके आस-पास के इलाकों को बारिश के दौरान जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा। ड्रेनेज बनाने का काम 15 जून 2023 में शुरू किया गया था और इस काम को जून 2024 में पूरा करना था।
जेडीए ड्रेनेज के इस काम पर करीब 45 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। जेडीए यहां पर करीब 17 किलोमीटर लंबी ड्रेनेज बना रहा है। जगतपुरा आरओबी से हाइटेंशन लाइन तक, 7 नवम्बर चौराहे से हाइटेंशन लाइन तक, एनआरआई चौराहे से हाइटेंशन लाइन तक, अक्षयपात्र चौराहे से हाइटेंशन लाइन तक ड्रेनेज लाइन बनाई जाएगी। लेकिन इस काम में लगी कम्पनी शिवक कंडेव अभी तक आधा ही काम कर पाई है।
जेडीए अधिकारियों का कहना है कि मुख्य ट्रंक लाइन का काम 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसके अलावा सब लाइनों का काम भी करीब 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। सब लाइन के काम में तीन जगहों पर आईओसीएल कम्पनी से परमिशन नहीं मिली है। इस कारण वहां पर काम शुरू नहीं हो पाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वीआईटी रोड, एसकेआईटी और रेलवे लाइन के पास ड्रेनेज की सब लाइन डालनी है, लेकिन वहां से आईओसीएल की पाइप लाइन गुजर रही है। जेडीए अधिकारी परमिशन को लेकर कई बार कम्पनी को पत्र लिख चुके है। लेकिन परमिशन नहीं मिलने से इन जगहों पर काम बंद पड़ा है। बाकी जगहों सब लाइन का काम जारी है।
जेडीए ड्रेनेज का काम कर रही कम्पनी पर अब तक दो बार पेनल्टी लगा चुका है। काम की धीमी गति के चलते जेडीए ने शिवक कंडेव कम्पनी पर सबसे पहले 15 लाख तो दूसरी बार में 25 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो कम्पनी पर आगे भी जेडीए की ओर से पेनल्टी लगाई जाएगी। वर्तमान हालत को देखे तो तय डेडलाइन के बाद भी इस काम को पूरा करने में पांच से 6 माह का समय लग सकता है।
जेडीए के जोन-9 अधिशाषी अभियंता प्रतीक जैन का कहना है कि टेंडर के बाद लेवलिंग को लेकर समस्या आने के कारण ड्रेनेज बनाने का काम तीन माह देरी से शुरू हो पाया था। मुख्य लाइन का काम 50 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है और सब लाइन का भी इससे थोडा ज्यादा काम हुआ है। तीन जगहों पर आईओसीएल से ड्रेनेज लाइन डालने की परमिशन नहीं मिली है। कोशिश है कि बारिश से पहले दोनों लाइनों का काम पूरा कर दिया जाएगा। सड़कों के रिफयरिंग का काम बाद में कर देंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश/संदीप
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