संयुक्‍त राष्‍ट्र ने किया वर्ष 2024 को अंतरराष्‍ट्रीय कैमलिड वर्ष घोषित : एनआरसीसी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा

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संयुक्‍त राष्‍ट्र ने किया वर्ष 2024 को अंतरराष्‍ट्रीय कैमलिड वर्ष घोषित : एनआरसीसी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा


बीकानेर, 5 अगस्त (हि.स.)। राष्‍ट्रीय उष्‍ट्र अनुसंधान केन्‍द्र (एनआरसीसी) में साेमवार को अफ्रीकन एशियन रूरल डवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन (आरडू), नई दिल्‍ली के संयुक्‍त तत्‍वावधान में ‘एडवांसेज इन कैमल हेल्‍थ प्रोडेक्‍शन एंड टैक्‍नोलॉजी’ विषयक चार दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्‍भ किया गया। केन्‍द्र में इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केन्‍द्र के निदेशक डॉ.आर.के.सावल, आरडू के सेक्रेटरी जनरल डॉ.मनोज नारदेव सिंह, एसिस्‍टेंट सेक्रेटरी जनरल रमी क्‍वस्‍थ, डॉ. संजीव बेहरा, कमल धमीजा शामिल हुए।

केन्‍द्र निदेशक डॉ.आर.के. सावल ने केन्‍द्र की उपलब्धियों एवं संसाधनों की जानकारी देते हुए यह आशा व्‍यक्‍त की कि भविष्‍य में सहयोगात्‍मक अनुसंधानों एवं कार्यों से उष्‍ट्र प्रजाति के विकास में गति आएगी।

आरडू के सेक्रेटी जनरल डॉ. मनोज नारदेव सिंह ने संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा वर्ष 2024 को ‘अंतराराष्‍ट्रीय कैमलिड वर्ष’ घोषित किए जाने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि इस पशु के नूतन उपयोगों से इस प्रजाति के विकास एवं संरक्षण में सहायता मिलेगी और एनआरसीसी इस दिशा में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस अवसर पर डॉ. टी.के.गहलोत, पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्‍यक्ष, सर्जरी विभाग, राजुवास,बीकानेर ने अपने की-नोट भाषण में ऊंटाें में सर्जरी के बारे में नवीनतम जानकारी प्रस्‍तुत की जिसे सहभागियों ने काफी सराहा।

कार्यक्रम के संयोजक केन्‍द्र के डॉ.राकेश रंजन, प्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि इस कार्यक्रम में अफ्रीका एवं एशिया के 19 देशों के 85 प्रतिभागियों ने सहभागिता निभाई। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य प्रतिभागियों को उष्‍ट्र स्‍वास्‍थ्‍य, उतपादन एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही अद्यतन ज्ञान उपलब्‍ध कराना है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजीव / संदीप

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