वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड की रोकथाम एवं नियंत्रण के निर्देश
जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। इन दिनों कोविड के केसेज में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही कोविड के नए वैरिएंट जेएन को दृष्टिगत रखते हुए शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर द्वितीय डॉ. बी. एल. मीणा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर बीसीएमओ एवं चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया। जिला स्तर से वीडियो कॉन्फ्रेंस में उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. सुरेन्द्र कुमार गोयल व एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. जालम सिंह राठौड़ उपस्थित रहे।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में निर्देशित किया गया कि चिकित्सा संस्थानो पर आने वाले आईएलआई,निमोनिया रोगियो पर सतत निगरानी रखते हुये आवश्यकतानुसार जाँच की जाये तथा कोविड पॉजिटिव पाये जाने पर होम आइसोलेशन अथवा गंभीर अवस्था में चिकित्सा संस्थान पर भर्ती कर आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाए। साथ ही हाई रिस्क ग्रुप - बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलायें व अन्य रोगियों पर विशेष निगरानी रखी जायें।
निर्देशित किया गया कि समस्त चिकित्सा संस्थानों पर आईएलआई/ निमोनिया व कोविड रोगियो के लिए आरक्षित रखे जायें एवं आवश्कतानुसार बैड की संख्या में वृद्धि किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही चिकित्सा संस्थानों पर उपलब्ध वेटिलेटरों को कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित किया जायें व प्रत्येक चिकित्सा संस्थानों मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय, सीएचसी/पीएचसी, उपस्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जावें।
वीसी में निर्देश दिए गए कि चिकित्सा संस्थानों सभी प्रकार के ऑक्सीजन प्लान्ट की सतत क्रियाशीलता के लिए आवश्यक कार्मिको की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुये आवश्कतानुसार प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जावें। साथ ही विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के लिए उनको क्रियाशील किया जाना सुनिश्चित करें। जिले में कोविड-19 संक्रामित रोगी को आवश्यकता होने पर एक संस्थान से दूसरे संस्थान पर रेफर करने के लिए डेडिकेटेड/चिन्ह्ति एम्बूलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जावें व कोविड रोगियों की सूचना प्रतिदिन आईडीएसपी के आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किया जाना सुनिश्चित करें।
सीएमएचओ डॉ. मीणा ने आगामी 26 दिसंबर को को होने वाली मॉकड्रिल में चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध बैड, एम्बुलेंस उपकरण, दवाएं एवं मैन पावर का परीक्षण करने व ऑक्सीजन आपूर्ति उपकरणों तथा जीवन रक्षक उपकरणों मॉकड्रिल कर उनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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