कॉफी विथ कलक्टर: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर डूंगरपुर में नवाचार
डूंगरपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। जिला स्तरीय उत्कृष्ट बालिका प्रतिभा सम्मान समारोह एवं कॉफी विथ कलक्टर कार्यक्रम जिला प्रशासन एवं महिला बाल अधिकारिता विभाग के तत्वावधान में बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय मैरिज हॉल डूंगरपुर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने डूंगरपुर के सभी 10 ब्लॉक की राजकीय विद्यालयों की छात्राओं के साथ संवाद किया। उपवन संरक्षक रंगास्वामी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गितेश श्री मालवीय ने भी छात्राओं की जिज्ञासा और शंकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम में जिला कलक्टर सिंह ने कहा कि बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई जिलों में इस प्रकार का कार्यक्रम हो रहे हैं। इस तरह के कायक्रमों से बेटियों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
कॉफी विथ कलक्टर कार्यक्रम में लगभग दो घंटे तक जिला कलक्टर ने छात्राओं के कॅरियर निर्माण, पढ़ाई, आईएएस बनने की तैयारी, स्पोर्ट्स, मानसिक तनाव, आत्मविश्वास, जीवन में सफलता, असफलता का सामना कैसे करें, चुनौतियों से कैसे निपटें, सामाजिक परिवर्तन सहित अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर सवालों और जिज्ञासाओं को आत्मीयता पूर्वक सुनकर समाधान किया। कक्षा 11वीं की छात्रा यशस्वी गोस्वामी ने जिला कलक्टर से पूछा कि हमारे पास कोई प्लान बी भी होना चाहिए या जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसी की प्राप्ति के लिए डटे रहना चाहिए। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि सही समय पर सही मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। इसके साथ ही प्लान-बी भी तैयार रखें। मान लो, कोई आईएएस बनना चाहता है, लेकिन पहले अपने आस-पास या माता-पिता को यह भरोसा दिलवाना होगा कि आप अपने लक्ष्य के प्रति कितने गंभीर हैं। यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर हैं और उसी के अनुरूप तैयारी कर रहे हैं, तो हर माता-पिता अपने बच्चे का साथ देते हैं। कक्षा-9वीं की छात्रा तनीषा लबाना ने पढ़ाई के दौरान डिप्रेशन से बचने का उपाय पूछा। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि आपको कोई भी परेशानी आती है तो घर पर अपने माता-पिता और विद्यालय में अध्यापक को खुलकर अपनी परेशानी बताएं, अपने सहपाठी से वार्तालाप करें। हर समस्या का समाधान मिल ही जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल और प्रशासन के माध्यम से स्कूलों में डिप्रेशन दूर करने और काउंसलिंग के लिए इस प्रकार के आयोजन होने चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी और कार्मिकों को इस प्रकार छात्र जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। कार्यक्रम में राउमावि ठाकरड़ा की छात्रा सुजान खान ने भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस-आईपीएस) की तैयारी के लिए सुझाव मांगने पर जिला कलक्टर ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित होना अच्छी बात है, परन्तु लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के लिए आपको स्टेप बाए स्टेप आगे बढ़ना चाहिए। जैसे कक्षा-10वीं, 12वीं एवं स्नातक होना आवश्यक हैं। छात्राओं ने विषय के अनुरूप सिविल सर्विस की तैयारी के लिए सर्वाधिक तैयारियों को लेकर प्रश्न किए। उपवन संरक्षक रंगास्वामी ने सिविल सेवाओं में आर्ट्स के मुकाबले साइंस को ज्यादा वरीयता देने को लेकर सवाल के जवाब में कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में सर्वाधिक प्रश्न भूगोल, इतिहास, पॉलिटिकल (आर्ट्स) से आते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्नातक की डिग्री होना आवश्यक हैं। जिला परिषद सीईओ गितेश श्री मालवीय ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई करके सिर्फ सरकारी नौकरी करना उद्देश्य नहीं हैं। अपने अच्छे बिजनेस, फार्मर और एक अच्छे वक्ता के रूप में अपनी प्रतिभाएं निखार सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी रूचि अनुरूप अपने विषय का चयन करें। पढ़ाई का अंतिम लक्ष्य नौकरी पाना नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम में डूंगरपुर जिले के 10 ब्लॉकों की लगभग 100 बालिकाओं को सम्मानित भी किया। छात्राओं ने जिला कलक्टर के साथ सेल्फी ली और गु्रप फोटो भी खिंचवाए। महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक मोतीलाल मीणा ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य बेटियों में आत्मविश्वास का संचार कर उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। इससे बेटियों की झिझक दूर करने, उन्हें जीवन में बडे़ लक्ष्य निर्धारित करने और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के विरोध में आवाज उठाने तथा समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ गरीमामय जीवन जीने का वातावरण तैयार करने में मदद मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष व्यास/संदीप
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