गायत्री ज्ञान मन्दिर का लोकार्पण, सम्मान समारोह आयोजित



गायत्री ज्ञान मन्दिर का लोकार्पण, सम्मान समारोह आयोजित


गायत्री ज्ञान मन्दिर का लोकार्पण, सम्मान समारोह आयोजित


गायत्री ज्ञान मन्दिर का लोकार्पण, सम्मान समारोह आयोजित


भीलवाड़ा, 19 मार्च (हि.स.)। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज द्वारा बच्चों में सांस्कृतिक मूल्यों के विकास व संरक्षण के लिए आयोजित की गई भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के विजेताओं व शिक्षकों का सम्मान समारोह शाहपुरा में गायत्री परिवार ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस मौके पर गायत्री शक्ति पीठ शाहपुरा में स्थापित गायत्री ज्ञान मन्दिर का लोकार्पण भी किया गया।

गायत्री परिवार भीलवाड़ा के व्यवस्थापक द्वारका प्रसाद कुंतल, जिला संयोजक कैलाश शर्मा, राजेश ओझा, ओमप्रकाश सुखवाल, शंकरलाल सोमाणी, शाहपुरा के ब्लाॅक मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारका प्रसाद जोशी, पार्षद राजेश सौंलकी, देबीलाल रेगर, महावीर प्रसाद दीक्षित तथा आरएसएस के प्रांत बौद्विक प्रमुख सत्यनारायण कुमावत, डीएमएफटी के जिला मेंबर राजकुमार बैरवा के आतिथ्य में आयोजित समारोह में गायत्री मंत्रोचार के साथ ज्ञान मन्दिर का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का संचालन गीतकार ओमप्रकाश सनाठ्य ने किया।

गायत्री परिवार शाहपुरा के मुख्य ट्रस्टी गोपीलाल रेगर ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि शाहपुरा क्षेत्र से परीक्षा में कक्षा 5 से 12 तक के 1275 से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया व जिला व तहसील मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को आज प्रतिभा सम्मान समारोह में अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र, मेडल व नकद राशि देकर सम्मानित किया। ज्ञात हो कि भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा पूरे भारत में आयोजित किया जाता है।

मुख्य वक्ता सत्यनारायण कुमावत ने अपने उद्बोधन में बच्चों को कहा कि वे अपने जीवन में शिक्षा के साथ साथ विद्या एवं संस्कार को स्थापित करें एवं अपने जीवन का नैतिक, चारित्रिक एवं आध्यात्मिक विकास करें। उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति महान है जो जो हमें वसुधैव कुटुंबकम की प्रेरणा देती है। उन्होंने परीक्षा के आयोजकों की प्रशंसा की एवं आगामी भविष्य में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को भाग लेने के लिये कहा। उल्लेखनीय है कि परीक्षा ओएमआर प्रणाली में प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।

शाहपुरा के व्यवस्थापक दुर्गालाल जोशी ने कहा कि बच्चों का इस परीक्षा से उनका नैतिक, बौद्धिक एवं चारित्रिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा पुरे भारतवर्ष में 22 राज्यो में 421 जिले के 2 लाख से अधिक विद्यालय इस परीक्षा से जुड़े है एवं प्रतिवर्ष 5 करोड़ से ज्यादा बच्चे इससे लाभान्वित हो रहे है।

इस अवसर पर परीक्षा में सहयोग देने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गायत्री परिवार ट्रस्ट शाहपुरा एवम परिवार के समस्त कार्यकर्ताओं का सक्रिय योगदान रहा।

हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द/संदीप

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