जवाहर कला केन्द्र में शास्त्रीय गायन कार्यशाला का शुभारंभ
जयपुर, 11 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री पर्यटन कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित शास्त्रीय गायन कार्यशाला का सोमवार को शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर केन्द्र के कार्यवाहक अतिरिक्त महानिदेशक चेतन कुमार शर्मा ने कलाकारों को पोर्टफोलियो भेंट किया। कार्यशाला में प्रो. सुमन यादव चालीस से अधिक प्रतिभागियों को ख्याल गायन के गुर सिखा रही हैं। सोलह आयु वर्ग के प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं यह युवाओं में शास्त्रीय विधा के प्रति रुझान को दर्शाता है, अधिक से अधिक कलाकार कार्यशाला में शामिल हो सके इसके लिए आवेदन जारी रखे गए हैं।
प्रो. डॉ. सुमन यादव ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं का उद्देश्य शास्त्रीय संगीत से युवाओं को जोड़ना है। इससे शास्त्रीय संगीत सीखने की राह आसान हो जाती है। उन्होंने बताया कि संगीत ईश्वर का वरदान है, जिसके पास यह वरदान है और वह अनुशासन के साथ ज्ञानार्जन करता है तो जरूर सफलता मिलेगी। डॉ. सुमन ने बताया कि शास्त्रीय गायन में विलंबित और द्रुत ख्याल होते हैं। अलग-अलग लय में बंदिशें गायी जाती हैं। कार्यशाला में ख्याल गायन के मूल स्वरूप का ध्यान रखते हुए रागदारी, लयकारी, सरगम, तान आदि की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शास्त्रीय संगीत रचनात्मक रंगों से सजा अनंत आकाश है। इस विधा को सीखने के बाद किसी भी गायन शैली में आप इन सबक को काम ले सकते हैं। कार्यशाला में गिरिराज बालोदिया हारमोनियम पर और फतेह वारसी तबले पर संगत कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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