ईआरसीपी को शीघ्र धरातल पर उतारने की बनी रूपरेखा

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ईआरसीपी को शीघ्र धरातल पर उतारने की बनी रूपरेखा


जयपुर, 28 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। इससे राजस्थान के 13 जिलों में 2.80 लाख हैक्टेयर सिंचाई क्षेत्र के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। खेत-खलिहानों के साथ औद्योगिक और वन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, वर्षों से चल रही पेयजल की समस्या का समाधान भी होगा।

शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें संकल्प पत्र में प्रदेशवासियों से ईआरसीपी सहित जो वादे किए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मिलकर परिणीति तक पहुंचाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईआरसीपी से राजस्थान के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी। यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का नदी से नदी जोड़ने का सपना भी साकार होगा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह परियोजना शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, इंदौर, देवास सहित कई जिलों में पेयजल के साथ औद्योगिक जरूरतों को पूरा करेगी। इसके तहत 7 बांध बनाए जाएंगे। डॉ. यादव ने कहा कि इस परियोजना से दोनों ही राज्यों में औद्योगिक निवेश, पर्यटन और शैक्षणिक संस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, सिंचाई क्षेत्र और अधिक समृद्ध होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

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