कृष्ण भक्ति और श्रील प्रभुपाद के मार्ग पर चलने के लिए आईआईटीयंस, डाक्टर्स, सी.ए ने ली दीक्षा
जयपुर, 21 जुलाई (हि.स.)। ऐसी भक्तिवेदांत श्रील प्रभुपाद ने पूरे विश्व में शुद्ध कृष्ण भक्ति का प्रसार किया। उन्होंने करोड़ों लोगों के लिए सनातन धर्म के अनुयायी बनने का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने के लिए व्यास पूर्णिमा और सनातन गोस्वामी के तिरोभाव दिवस के शुभ अवसर पर श्री कृष्ण बलराम मंदिर जगतपुरा में 21 जुलाई को दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। कृष्ण भक्ति के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए जगद्गुरु श्रील प्रभुपाद का आशीर्वाद लेकर देश के कोने कोने से चालीस गृहस्थों ने दीक्षा ली जिनमें आईआईटीयंस, डाक्टर्स, सी.ए भी शामिल थे।
दीक्षार्थियों ने मंदिर परिसर में हवन कुंड वेदी की अग्नि के समक्ष मंदिर के अध्यक्ष अमितासन दास द्वारा श्रील प्रभुपाद की ओर से ऋत्विक दीक्षा ली। मंदिर अध्यक्ष अमितासन दास ने दीक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दीक्षा प्राप्त करना इसलिए जरूरी है ताकि मनुष्य भगवान की शुद्ध भक्ति प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि दीक्षा प्राप्त करने के बाद जन्म जीवन के जन्म मृत्यु के चक्र में फंसे लोगों को मुक्ति का मार्ग मिल सकता है। दीक्षा के बाद भक्त भगवान श्री कृष्ण की सेवा में हमेशा के लिए समर्पित हो जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश सैनी / ईश्वर
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