हमारे कामों में गड़बड़ी आती है तो कार्रवाई भी करेंः डोटासरा

हमारे कामों में गड़बड़ी आती है तो कार्रवाई भी करेंः डोटासरा
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हमारे कामों में गड़बड़ी आती है तो कार्रवाई भी करेंः डोटासरा


जयपुर, 5 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह हमारे कामों में गड़बड़ी की बात करते हैं। यदि गड़बड़ी आती है तो कार्रवाई भी करें, उन्हें किसने रोका है। जांच करनी है तो करो। उनकी कलम में स्याही नहीं तो हम दवात भेज देते हैं।

डोटासरा ने सोमवार को संवाद कार्यक्रम के लिए चूरू जाते समय फतेहपुर में हाईवे पर मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही। डोटासरा का फतेहपुर विधायक हाकम अली के नेतृत्व में स्वागत किया गया।

डोटासरा ने कहा कि इस बार निश्चित ही कांग्रेस पार्टी लोकसभा का चुनाव जीतेगी। हम जगह-जगह जाकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और लोगों में उत्साह देख रहे हैं। राजस्थान में 2 महीने में ही भाजपा की सरकार फेल हो चुकी है। ऐसे में सब लोगों की राय यही आ रही है कि कांग्रेस की योजनाएं ही अच्छी थीं। काम अच्छे थे।

पीसीसी चीफ ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने जो दावे किए थे, उनमें से कोई भी बात पूरी नहीं हुई। सरकार 2 महीने से न तो कोई कार्ययोजना बना रही है और न कोई अफसर लगा रहे हैं। यहां तक कि हमारी सरकार के जो काम थे, वह भी इन्होंने रोक दिए।

डोटासरा ने कहा कि यह सरकार पर्ची से बनी है। खुल जा सिम सिम... श्अलीबाबा और 40 चोरश् फिल्म के जैसे गेट खुला था और पर्ची निकली थी। हमने तो पहले कभी ऐसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनते हुए नहीं देखा। डोटासरा ने भाजपा नेताओं के द्वारा कांग्रेस सरकार में रहे मंत्रियों की जांच के बयान का जवाब देते हुए कहा कि हमने कौन-से उनके हाथ बांध रखे हैं।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार अब हमारी सरकार के 6 महीने के कामों की समीक्षा कर रही है। उन्हें जो ठीक लगता है वह चालू रखें और जो गलत लगता है उसे बंद करें। जो गड़बड़ निकले, उसके खिलाफ कार्रवाई करो, लेकिन काम तो करो। केवल बातें करने का क्या मतलब।

डोटासरा ने कहा कि किसी की तरफ उंगली खड़ी करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन बड़ी बात यह है कि वह उंगली बेदाग होनी चाहिए। भले ही अभी भाजपा सरकार हमारी सरकार के कामों की जांच करवाए। लेकिन, उन्हें कम से कम काम तो करना चाहिए। इधर के पत्थर उधर और उधर के पत्थर इधर फेंकने का कोई मतलब नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

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