सर्द मौसम में भगवान का बदला भोग व पहनावा : भोग में शामिल हुए गर्म तासीर के व्यंजन, देर से होने लगी मंगला झांकी
जयपुर, 28 नवंबर (हि.स.)। मार्गशीर्ष माह के साथ ही अब ठाकुरजी के भोग-राग व पहनावे में बदलाव शुरू हो गया है। अब ठाकुरजी को गर्म तासीर के व्यंजनों का भोग लगना शुरू हो गया, वहीं पहनावे में भी गर्म व मखमल की पोशाक धारण करवाई जाने लगी है। मंदिरों में अब मंगला झांकी सुबह देर से होने लगी है, वहीं शयन झांकी जल्दी होना शुरू होने लग गई है।
राजधानी जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में अब मंगला झांकी सुबह 4.30 के बजाय अब पांच बजे होने लग गई है। अब मंगला झांकी 15 मिनट तक होगी। इसके बाद धूप झांकी 7.45 बजे होगी। अब ठाकुरजी को पोशाक में मखमल, रेशम व ऊनी पोशाक के साथ शॉल, मफलर व दस्ताने धारण करवाने शुरू हो जाएंगे। पुरानी बस्ती स्थित मंदिर राधा गोपीनाथ में भी ठाकुरजी के भोगराग व पहनावे में गर्म तासीर के व्यंजन और पोशाक शुरू हो चुकी है।
चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधा दामोदरजी में आज से ठाकुरजी के भोगराग व पहनावे में बदलाव शुरू हो गया है। सुबह ठाकुरजी को गुनगुने पानी से स्नान कराया गया। मंदिर महंत मलय गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी के पहनावे में गर्म तासीर के कपड़े धारण करवाए गए, वहीं ठाकुरजी को कंबल ओढ़ाना शुरू कर दिया गया है। ठाकुरजी को खिचड़ी व केसर के दूध का भोग शुरू कर दिया गया है। पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को गुनगुने पानी स्नान कराना शुरू कर दिया है। वहीं भोगराग में गुनगुने व्यंजन शामिल हो गए है। प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुरजी की सेवा में केसर व गर्म इत्र का उपयोग शुरू हो गया है। अब ठाकुरजी को धीरे-धीरे मखमल, रेशम व ऊनी पोशाक धारण करवाना शुरू हो जाएगा। ठाकुरजी की सेवा में गर्भगृह में गलीचा सेवा शुरू हो चुकी है। ठाकुरजी की मंगला झांकी सुबह सात बजे और शयन झांकी रात 8.15 बजे होने लग गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर
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