दैनिक कामकाज में हिंदी को प्रमुखता देने की आवश्यकता- ऋतु शुक्ला

दैनिक कामकाज में हिंदी को प्रमुखता देने की आवश्यकता- ऋतु शुक्ला
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दैनिक कामकाज में हिंदी को प्रमुखता देने की आवश्यकता- ऋतु शुक्ला


जयपुर, 21 मार्च (हि.स.)। भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय संस्थान नेहरू युवा केंद्र संगठन जयपुर द्वारा गुरुवार को राज्य स्तरीय हिंदी राजभाषा सम्मेलन का आयोजन जयपुर में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पत्र सूचना कार्यालय व केन्द्रीय संचार ब्यूरो की अपर महानिदेशक ऋतु शुक्ला ने कहा कि हिंदी राजभाषा को हमें अपने दैनिक कामकाज में हिंदी को प्रमुखता देनी चाहिये । उन्होंने कहा कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा महापुरुषों की जीवनी से संबन्धित हिन्दी पुस्तके पढ़नी चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एस.आर.सी जयपुर के सचिव व वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा की भारत युवाओं का देश है और आवश्यकता इस बात की है कि युवा राजभाषा हिंदी के महत्व को समझे। उन्होंने युवाओ के बीच बढ़ती मोबाइल की लत पर चिंता व्यक्त करते हुये कि नई पीढ़ी पढ़ाई में अपना समय बिताने कि बजाय सोशल मीडिया पर अपना समय जाया कर रही है। उन्होने कहा कि हिंदी ने देश को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई है ।

नेहरू युवा केंद्र संगठन के राज्य निदेशक महेंद्र सिंह सिसोदिया ने राज्य स्तरीय राजभाषा सम्मेलन की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि इस सम्मेलन में नेहरू युवा केंद्र संगठन के जिला युवा अधिकारी , लेख कार्यक्रम सहायक एव युवा स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।

नाराकास सचिव व उत्तर पश्चिम रेलवे के राजभाषा अधिकारी गुरदयाल सिंह द्वारा राजभाषा नीति अधिनियम नियम आदेशों पर विस्तार से जानकारी दी गई। दूरदर्शन केंद्र जयपुर के कार्यक्रम अधिशासी वीरेंद्र कुमार परिहार द्वारा राजभाषा हिंदी में काम करने एवं कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि हिंदी का अभ्यास जारी रखें विद्वानों के आलेख पढ़े । हिंदी को सकारात्मक रूप से अपने मनोविचारों में लाएं एवं नकारात्मक विचारों को नहीं लाने दे । सोचने की ताकत को बदले सोचने का नजरिया बदले खुद की पहचान करें आत्म अवलोकन के साथ-साथ अपने आप से बात करें हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए युवा शक्ति संवाहक बन सकती है। अपने अनुभवों के आधार पर बताया कि हिंदी सिनेमा, रेडियो, आकाशवाणी, टेलीविजन, दूरदर्शन, हिंदी फिल्मों के गानों साहित्यकारों की रचनाओं, कवि सम्मेलनों और तीज त्योहारों,लोक कलाकारों ने भी हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सदियों से प्रयास किया है। मन की बात विश्व में सर्वाधिक देखे जाने वाली हिंदी में प्रसारित की जाती है और प्रधानमंत्री ने जी-20 की अध्यक्षता मीटिंग में भी हिंदी में ही अपनी बात रखी।

हिन्दुस्थान समाचार/ इंदु/संदीप

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