रवि पुष्य नक्षत्र पर जमकर हुई खरीदारी: आभूषणों की दुकानों पर भी रही जबर्दस्त भीड़

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रवि पुष्य नक्षत्र पर जमकर हुई खरीदारी: आभूषणों की दुकानों पर भी रही जबर्दस्त भीड़


जयपुर, 5 नवंबर (हि.स.)। रवि पुष्य नक्षत्र पर रविवार को लोगों ने जमकर खरीदारी की। शहर के गणेश मंदिरों में दिनभर नए वाहनों का पूजन के लिए भीड़ लगी रही। इसके अलावा आज आभूषणों की दुकानों पर भी जबर्दस्त भीड़ रही। पुष्य नक्षत्र शनिवार सुबह 07:57 से शुरू हो गया था। जो रविवार की सुबह 10:29 तक रहा। लेकिन रविवार की सुबह सूर्योदय के समय पुष्य नक्षत्र होने के कारण इसका शुभ प्रभाव पूरे दिन माना जाता है। रवि पुष्य नक्षत्र में किया गया इन्वेस्टमेंट या की गई खरीदारी बहुत शुभ मानी जाती है। रवि पुष्य नक्षत्र के दुर्लभ संयोग में सोना खरीदना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योंकि रविवार के स्वामी भगवान सूर्य हैं और सोना इनकी धातुओं में से एक है। मोती डूंगरी गणेश मंदिरों में रविवार को करीब 100 नए वाहनों को पूजन किया गया।

शहर के अन्य गणेश मंदिरों में भी लोग अपने वाहनों को लेकर पहुंचे और पंडितों से पूजन कराया। ज्योतिष के विद्वान पं. राजेन्द्र शास्त्री के अनुसार रवि पुष्य योग में सर्वार्थ सिद्धि योग भी जुड़ा है। आज अहोई अष्टमी भी है। इसके अलावा पवित्र कार्तिक मास भी चल रहा है। इन सभी घटनाओं की वजह से आज का दिन विशेषता रखता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा संयोग कम ही बनता है। ऐसे अवसर का लोगों को लाभ अवश्य लेना चाहिए। सभी को बाजार से कुछ न कुछ खरीदारी करनी चाहिए।

पं. राजेन्द्र शास्त्री के अनुसार पुष्य नक्षत्र के देवता देवगुरु बृहस्पति हैं जो शुभ कार्यों के कारक हैं, वहीं पुष्य नक्षत्र के देवता स्वयं शनिदेव हैं जो स्थाइत्व के प्रतीक हैं। इसलिए इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु और शुभ और स्थाई मानी जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

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