हाईकोर्ट के जीए सेक्शन के संविदाकर्मी ने किया सुसाइड
जयपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट के जीए ऑफिस के अपील सेक्शन में संविदा पर कार्यरत मनीष सैनी ने शुक्रवार सुबह ऑफिस में फंदे से लटकर कर सुसाइड कर लिया। बांदीकुई निवासी मनीष पिछले 18 साल से हाईकोर्ट में संविदा पर कार्यरत था और उसे हर महीने 5600 रुपए मानदेय मिल रहा था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि उसे पिछले पांच महीने से यह मानदेय भी नहीं मिला था। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही थी। मनीष के चाचा राजेन्द्र सैनी ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 8.45 बजे हाईकोर्ट से साथी संविदाकर्मियों ने मनीष के सुसाइड करने की जानकारी दी। वे अन्य परिजनों के साथ सुबह 10.30 बजे हाईकोर्ट पहुंचे। साथी संविदाकर्मियों ने बताया कि मनीष ने सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें कहा है कि मुझे वीरगति प्राप्त हो, राज्य सरकार ने मेरा तो भला नहीं किया, लेकिन मेरे भाईयों का भला हो। उन्होंने बताया कि मनीष घर से रोजाना हाईकोर्ट आने के लिए अपडाउन करता था और सुबह जल्दी ही निकल जाता था। आज भी वह हाईकोर्ट के आने के लिए रवाना हुआ। बाद में जब साथी संविदाकर्मियों ने मनीष के सुसाइड करने की बात कही तो वे पहुंचे। मनीष के दो बच्चे, एक चार साल की बेटी व एक छोटा बेटा हैं। परिजनों के पहुंचने पर पुलिस ने मनीष के शव को फंदे से नीचे उतारा। सूचना मिलते ही प्रमुख विधि सचिव ब्रिजेन्द्र जैन, एएजी जीएस गिल व एएजी राजेश चौधरी अन्य अफसरों के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन सुबह से देर शाम तक भी परिजनों ने शव को नहीं उठाया गया। परिजनों ने राज्य सरकार से एक करोड़ रुपए मुआवजा व पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की। वहीं आखिर में 11 लाख रुपए और मृतक की विधवा को संविदा पर नोकरी और मौजूदा अन्य संविदाकर्मियों के वेतन को बढ़ाने पर सहमति बनी। दरअसल संविदाकर्मियों के मानदेय मामले में हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन उस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग चल रहा है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / पारीक
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।