जेकेके में सरोद सितार की जुगलबंदी और शास्त्रीय गायन से बांधा समां

जेकेके में सरोद सितार की जुगलबंदी और शास्त्रीय गायन से बांधा समां
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जेकेके में सरोद सितार की जुगलबंदी और शास्त्रीय गायन से बांधा समां


जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। जवाहर कला केन्द्र की ओर से कला संसार मधुरम के अंतर्गत आयोजित साहित्य, संगीत और रंगमंच के तीन दिवसीय उत्सव का शुक्रवार को आगाज हुआ। पहले दिन प्रसेनजीत सेनगुप्ता और डॉ. विनायक शर्मा ने सरोद और सितार की जुगलबंदी पेश की। वहीं पं. आनंद वैद्य ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी।

शनिवार को रंगायन सभागार में सायं 6:30 बजे जूही बब्बर सोनी निर्देशित नाटक 'विद लव, आपकी सैयारा' का मंचन होगा। नाटक के बाद रंगमंच पर चर्चा होगी जिसमें वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक गोस्वामी मॉडरेटर रहेंगे वहीं जूही बब्बर और साहित्य अध्येता राज नारायण शर्मा विचार साझा करेंगे।

शुक्रवार को कार्यक्रम की शुरुआत सरोद और सितार की जुगलबंदी से हुई। प्रसेनजीत सेन गुप्ता ने सरोद और डॉ. विनायक शर्मा ने सितार पर सबसे पहले शृंगार रस प्रधान राग बिहाग पेश की। इसके बाद राग मिश्र खमाज समेत अन्य रागों की धुनों से रंगायन को गुंजायमान किया, तबले पर गौतम पॉल ने संगत की। इसके बाद पं. आनंद वैद्य ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। उन्होंने राग जोग में विलंबित एक ताल में बंदिश 'पिहरवा को बिरमाए', मध्य लय तीन ताल में 'साजन मोरे घर आए' गाकर समां बांधा। मध्य लय तीन ताल में राग देश की बंदिश 'मेहा रे बन डार—डार' गायन के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा। द्रुत लय तीन ताल में 'नादान जियरा गुम गयो रे' पेश कर उन्होंने भजन के साथ प्रस्तुति का समापन किया। पं. गिर्राज बालोदिया ने हारमोनियम और पीयूष राव ने तबले पर संगत की।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

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