राज विस चुनाव: मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा निर्देश: न सार्वजनिक सभा ना जुलूस

राज विस चुनाव: मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा निर्देश: न सार्वजनिक सभा ना जुलूस
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राज विस चुनाव: मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा निर्देश: न सार्वजनिक सभा ना जुलूस


जयपुर, 23 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा आम चुनाव-2023 के अंतर्गत होने वाले मतदान के लिए गुरुवार शाम छह बजे प्रचार-प्रसार थमने के बाद मतदान के दिन 25 नवम्बर तक 48 घंटों की कालावधि के दौरान निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा। कोई व्यक्ति इस निर्देश का उल्लंघन करता है तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा होगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान विधानसभा आम चुनाव-2023 के अंतर्गत होने वाले मतदान के लिए गुरुवार 23 नवम्बर को शाम छह बजे से प्रचार-प्रसार थम जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि 23 नवंबर को सायं छह बजे से आरम्भ होकर मतदान समाप्ति अवधि 25 नवंबर को सायं छह बजे तक प्रभावी रहेगी।

गुप्ता ने बताया कि इन वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा। चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधित्रों द्वारा जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा। इसके अलावा कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से, आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति यदि इन उपबंधों का उल्लंघन करता है तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा होगी।

उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने प्रासंगिक पत्रों के माध्यम से निर्देशित किया है कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है अथवा सांसद या विधायक नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त होने के पश्चात् नहीं ठहर सकता। यह भी निर्देश है कि राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनीतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से भिन्न) यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा।

गुप्ता ने बताया कि इन निर्देशों की पालना निर्वाचन मशीनरी एवं पुलिस प्रशासन द्वारा सुनिश्चित करने के निर्देश आयोग ने दिये हैं, जिसमें सामुदायिक केन्द्रों, धर्मशालाओं आदि जहां पर बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जाता है उनकी निगरानी करने, गेस्ट हाऊस/लॉज/होटलों में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी/सत्यापन करने, बाहर से आने वाले वाहनों पर निगरानी रखने और इसके लिए चैकपोस्ट स्थापित करने और उनकी पहचान क्या है, सत्यापन करने की कार्रवाई भी शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार/संदीप

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