हिंसक और खूंखार श्वानों को पकड़कर छोड़ा जाएगा जंगल में

हिंसक और खूंखार श्वानों को पकड़कर छोड़ा जाएगा जंगल में
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हिंसक और खूंखार श्वानों को पकड़कर छोड़ा जाएगा जंगल में


जयपुर, 21 मार्च (हि.स.)। प्रदेश में लगातार आवारा श्वानों के लोगों पर हमला कर घायल करने की घटनाएं सामने आने के बाद अब स्वायत्त शासन विभाग सख्त कदम उठाने जा रहा है। इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग ने आवारा श्वानों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। विभाग ने हिंसक और खूंखार श्वानों को पकड़कर शहर से दूर जंगल में छोड़ने के निर्देश जारी किए है। वहीं श्वान पालकों के लिए भी नियमों की पालना अनिवार्य रुप से करने के निर्देश दिए है, ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ जुर्माने के साथ अन्य कार्रवाई की जा सकती है।

गौरतलब है कि पिछले पांच माह में राजधानी में आवारा श्वानों ने करीब 3000 से अधिक लोगों को जख्मी कर अस्पताल पहुंचा दिया। इस दौरान कुछ बच्चों की श्वान काटने से मौत होना भी सामने आया है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक सुरेश कुमार ओला ने बताया कि पिछले कुछ वक्त में प्रदेशभर में श्वानों द्वारा आम जनता पर हमले किए गए थे। इसको ध्यान में रखते हुए यह गाइडलाइन जारी की गई है। ताकि आम जनता को सुरक्षित रखने के साथ ही श्वानों को भी स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सके। प्रदेशभर में लगभग 8 लाख से ज्यादा श्वान है। अकेले जयपुर में कुत्तों का आंकड़ा 40 हजार से ज्यादा है।

विभाग की गाइड लाइन के अनुसार राजस्थान के सभी निकायों में स्थित महाविद्यालयों (कॉलेज), विद्यालयों (स्कूल), अभिभावकों, नागरिकों से शिकायत मिलने पर हिंसक और आक्रामक प्रवृत्ति के श्वानों (कुत्तों) को शहर से दूर ले जाकर छोड़ा जाए। हिंसक और आक्रामक प्रवृत्ति के श्वानों (कुत्तों) को चिह्नित कर वैक्सीनेशन की जाए। सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के लेबर रूम, गायनिक रूम, ऑपरेशन थियेटर, शिशु वार्ड के आस-पास रहने वाले श्वानों (कुत्तों) को चिकित्सा विभाग की शिकायत पर तत्काल पकड़कर शहरों से दूर छोड़ा जाए। प्रदेशभर में पालतू श्वानों (कुत्तों) को चिह्नित कर उनके मालिकों को वैक्सीनेशन के लिए पांबद किया जाए। आवारा श्वानों (कुत्तों) के संबंध में गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर एनिमल बर्थ कन्ट्रोल (एबीसी) प्रोग्राम को बढ़ावा दिया जाए। आवारा श्वानों (कुत्तों) को पकड़कर किसी एक स्थान पर रखे जाने के संबंध में गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।

पशु चिकित्सक नगर निगम हरेंद्र सिंह ने बताया कि एबीसी नियम 2001 के तहत अभी तक कुत्तों का वैक्सीनेशन किया जाता था। लेकिन उन्हें शहर से बाहर छोड़ने को लेकर कोई नियम नहीं था। हालांकि पूर्व में कई बार खूंखार और हिसंक श्वानों को शहर से दूर छोड़ा गया है या उनका स्थान बदला गया है। जयपुर नगर निगम द्वारा पिछले 5 सालों में लगभग 50000 कुत्तों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। जिन्हें वैक्सीनेशन के बाद फिर से उसी स्थान पर छोड़ा गया है। जहां से उन्हें उठाया गया था। इस वैक्सीनेशन का टाइम 3 साल का होता है। वर्तमान में 40 हजार श्वान ऐसे है जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश/संदीप

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