बसंत पंचमी को मनेगा गोविंद देवजी का पाटोत्सव, शुरू होगी गुलाल सेवा
जयपुर, 6 फ़रवरी (हि.स.)। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर का पाटोत्सव बसंत पंचमी (14 फरवरी) को धूमधाम से मनाया जाएगा।
मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि बसंत पंचमी को मंगला झांकी के बाद सुबह पांच से सवा पांच बजे तक ठाकुरजी का वेद मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक किया जाएगा। धूप झांकी खुलने पर पहले अधिवास पूजन होगा। इसके बाद धूप आरती होगी। बसंत पंचमी पर ठाकुर जी को पीली पोशाक धारण कराई जाएगी। श्रंगार झांकी के बाद मां भगवती सरस्वती देवी पूजन जगमोहन मध्य में ठाकुर श्रीजी के सन्मुख होगा। उसके बाद राजभोग की आरती होगी।
उल्लेखनीय है कि मूल बंग (बंगला) भाषा में रचित माध्व गौड़ीय संप्रदाय के सर्वमान्य ग्रंथ भक्ति रत्नाकर ग्रंथ के द्वितीय तरंग में स्पष्ट अंकित है कि श्री गोविंद प्रगटे होइलो रूप द्वारे। अर्थात श्री रूप गोस्वामी पाद ने ठाकुर श्री गोविंद देव जी को प्रकट किया था। इस कारण माघ शुक्ला पंचमी के दिन ठाकुर श्री जीऊ का पाटोत्सव (पट्टाभिषेक) अनुष्ठान मनाया जाता आ रहा है। इसी दिन से ठाकुरजी की गुलाल की सेवा भी शुरू हो जाएगी। यह सेवा धुलंडी तक चलेगी। इसी बीच फाल्गुन मास लगते ही गुलाल की सेवा में और बढ़ोतरी हो जाएगी। वहीं, ठाकुरजी को भी गुलाल की पोटली धराई जानी प्रारंभ हो जाएगी। श्रद्धालुओं पर भी गुलाल उड़ाने के लिए पोटली का उपयोग किया जाएगा। ठाकुरजी के सम्मुख पिचकारी रखना शुरू हो जाएगी। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में बसंत पंचमी से ठाकुर जी का भावानुरूप शृंगार किया जाएगा। इस दिन से गुलाल-अबीर की सेवा प्रारंभ हो जाएगी। इसमें अंग वस्त्रों पर गुलाल और अबीर की सेवा की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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