केंद्र सरकार ने अपने घोटाले छिपाने के लिए किया संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग : डाेटासरा
-राज्यसभा उपचुनाव में कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी
जयपुर, 20 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि दस साल में केन्द्रनीत मोदी सरकार ने अपने घोटाले छिपाने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की पोल अब खुल गई है। सेबी वाले मामले में इन्हें अब बैकफुट पर आना पड़ेगा। डोटासरा मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज केंद्र की सत्ता में बैठे हुए लोग केवल अपनी सत्ता बचाने के लिए काम कर
रहे हैं। देश के लिए काम नहीं कर रहे हैं। देश में धर्म के आधार पर लोगों
को बांटकर राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। देश के हालात गृह युद्ध जैसे हैं,
लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री विदेश के दौरों में व्यस्त हैं।
बांग्लादेश के मामले में सरकार ने कोई प्रभावी प्रयास नहीं किए। आज सारे
पड़ोसियों से हमारे संबंध खराब हैं। राजनीतिक सत्ता हथियाने के लिए
केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। मोदी सरकार की बेकडोर एंट्री करवा कर पूंजीपति घरानों को फायदा पहुंचाने की पोल खुल गई है। केन्द्र की मोदी सरकार की कलई खुलने लग गई है। सेबी के मुद्दे पर इन्हें बैकफुट पर आना पड़ेगा। राजस्थान में राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि इस उपचुनाव में कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। भारतीय जनता के पास इसको जीतने के लिए पर्याप्त बहुमत है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार हर मोर्चे पर विफल है। केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद राज्य को कोई फायदा नहीं हुआ। 400 पार के चक्कर में 250 भी नहीं ला पाए। संविधान खतरे में है। आरक्षण की व्यवस्था खतरे में है। लोकतंत्र खतरे में है। ये वन नेशन वन इलेक्शन, वन स्टेट वन इलेक्शन की बात कर रहे हैं। अभी चार राज्यों में से दो राज्यों के चुनाव घोषित किए हैं, राजस्थान की छह सीटों के उप चुनाव भी घोषित नहीं किए। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त कह रहे हैं कि बरसात में हालत ठीक नहीं है। तो जब वन स्टेट वन इलेक्शन और वन नेशन वन इलेक्शन करेंगे तो क्या बरसात रुक जाएगी ? मई में जो लोकसभा के चुनाव इतने लंबे कई फेज में करवाए तो एक साथ चुनाव कैसे संभव होंगे? ये केवल सत्ता के लिए इस तरह के जुमले फेंकते हैं।
उप
चुनावों में गठबंधन के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि गठबंधन लोकसभा चुनाव में
था। गठबंधन कभी भी किन परिस्थितियों में कहां किस स्तर पर करना है, यह
पार्टी हाईकमान का सब्जेक्ट है। हमारा सब्जेक्ट नहीं है। हम सभी जगह
कांग्रेस पार्टी कैसे जीते इसकी तैयारी कर रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं बची है। रोज हत्या, डकैती, रेप की घटनाएं हो रही हैं। छह महीने में महिला उत्पीड़न के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ये उस पार्टी की सरकार है जो नहीं सहेगा राजस्थान का नारा देकर सत्ता में आए थे। राजस्थान की विधानसभा में गृह विभाग पर चर्चा तक नहीं हुई, हमारे बार-बार कहने की बावजूद अनुदान की मांग छोड़िए साधारण चर्चा भी नहीं करवाई।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में आठ महीने में सरकार सही से काम नहीं कर पाई। किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे पर हां या न में जवाब नहीं दे पा रहे कि उसका क्या हुआ? पहले तो 15-20 दिन तक तो बताया नहीं कि इस्तीफे का क्या हुआ? मैंने मुख्यमंत्री को एक आइडिया बताया। लॉटरी निकाल लेनी चाहिए। एक घड़े में दो पर्ची डालिए। एक किरोड़ी लाल के मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार करने की और दूसरी अस्वीकार करने की। पर्ची बना लेनी चाहिए, किसी से भी निकलवा लीजिए। इस्तीफा स्वीकार करने की पर्ची निकल जाए तो ठीक। अस्वीकार करने की निकल जाए तो मंत्री काम करें। प्रदेश के एक मंत्री के इस्तीफे के बारे में फैसला नहीं कर पा रहे तो फिर फैसला करेगा कौन? इसलिए हम कहते हैं यह पर्ची सरकार है। यहां पर्चियों से चलती है। अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इन्हें अपने विवेक का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / संदीप
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