भूजल प्रबंध प्राधिकरण बिल फिर प्रवर समिति को भेजा गया

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भूजल प्रबंध प्राधिकरण बिल फिर प्रवर समिति को भेजा गया


जयपुर, 19 मार्च (हि.स.)। प्रदेश में भूजल को नियंत्रित करने वाले भूजल प्रबंध प्राधिकरण बिल पर सरकार ने एक बार फिर पुनर्विचार करते हुए इसे विधानसभा की प्रवर समिति (सिलेक्ट कमेटी) को भेजने का निर्णय लिया है।

विधानसभा में बुधवार काे इस बिल पर चर्चा के दौरान जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने इसे पुनः प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। गौरतलब है कि यह बिल पहले भी पिछले साल अगस्त में सिलेक्ट कमेटी को भेजा गया था और फरवरी में समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए समय बढ़ाया गया था। हाल ही में रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद इसे दोबारा विधानसभा में लाने का निर्णय लिया गया था।

विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों ने बिल के विभिन्न प्रावधानों पर आपत्ति जताई। उन्होंने ट्यूबवेल खुदाई की मशीनों और ट्यूबवेल के पंजीकरण से संबंधित प्रावधानों को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि सरकार के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। विधायकों ने यह भी सवाल उठाया कि जब अब तक जलदाय विभाग के जल कनेक्शनों पर ही मीटर नहीं लगाए जा सके हैं, तो इस बिल के प्रावधानों को लागू करना कैसे संभव होगा?

कांग्रेस विधायक हाकम अली, रफीक खान और हरिमोहन शर्मा ने इस बिल की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार पानी पर अनावश्यक नियंत्रण थोप रही है। उनका कहना था कि पानी ही एकमात्र संसाधन था, जिसे बिना किसी अनुमति के प्राप्त किया जा सकता था, और अब इस पर भी नियंत्रण बढ़ाने से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। विधायकों ने आशंका जताई कि इससे अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा और आम जनता को अनावश्यक बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

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