गहलोत ना तो अच्छे जादूगर हैं, ना अच्छे राजनेता हैं और ना अच्छे ज्योतिषी : पूनियां
कोटा, 1 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के राजस्थान का मुख्यमंत्री बदलने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि मुझे लगता कि वो (गहलोत) ना तो अच्छे जादूगर हैं, ना अच्छे राजनेता हैं और ना अच्छे ज्योतिष हैं। उनकी ज्योतिष की भविष्यवाणी मुझे नहीं लगता है कभी सच्ची साबित नहीं होगी। पूर्व सीएम गहलोत ने 27 मई को एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया था कि राजस्थान में भाजपा की कम सीट आने की हालत में चुनाव बाद सीएम बदल रहे हैं, इसमें सीएम का क्या कसूर है?
पूनियां शनिवार को कोटा में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि 400 पार के नारे का जवाब तो पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया था। लोगों ने इस नारे पर आपत्ति की थी। नारे कांग्रेस ने भी गढ़े थे, लेकिन कांग्रेस उन नारों पर कभी खरी नहीं उतरी। विपक्ष केवल 400 पार के नारे में उलझ कर रह गया। स्वाभाविक सी बात है 395 भी आती है तो कांग्रेस व इंडी गठबंधन को कोई अवसर नहीं है। मुझे लगता है ये एक टारगेट था इसके नजदीक एनडीए पहुंचेगा। पूनियां ने कहा कि विपक्ष को नारे पर आपत्ति की बजाय मूल मुद्दों पर बात करनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने किसी एजेंडे पर बात नहीं की। एक नरेटिव गड़बड़ करने की कोशिश की। लोगों को जाति, धर्म,पंथ और मजहब के आधार बांटने की कोशिश की। मुझे लगता है कि विपक्ष का जो बिखराव है वो पहले से ज्यादा है। अच्छी बात है कि देश की जनता ने लोकतंत्र के स्थायित्व के लिए और भारत की दूर दृष्टि के लिए मोदी जी को फिर से चुना है। राजस्थान में हम मिशन 25 के लिए काम कर रहे थे। मिशन 25 पूरा होगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष गर्मी से हो रही मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप लगा रहा है। मुझे नहीं लगता कि कहीं आंकड़े छिपाने की आवश्यकता है। कोई प्राकृतिक आपदा होती है तो सबके सामने होती है। सरकार इस मामले में पूरे तरीके से ईमानदार है। जो योग्य समाधान सरकार कर सकती है वो तत्परता से किए हैं। खुद मुख्यमंत्री मॉनिटरिंग कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी और राजस्थान की जनता को कांग्रेस के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है।
पूनियां ने कांग्रेस व पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि धारीवाल और पूरी कांग्रेस पार्टी को पीछे मुड़कर देखना चाहिए। उन्होंने विरासत में एक अराजक राजस्थान दिया। बुनियादी असुविधा, बिजली, पानी की किल्लत दी। बदहाल कानून व्यवस्था दी थी। लेकिन, कम समय में भाजपा की सरकार ने मूल मुद्दे पर काम करने की कोशिश की है। मुझे लगता है कि थोड़ा अवसर देने की आवश्यकता है। सरकार पूरी तत्परता से काम करेगी, शुरुआत भी कर दी है।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।