गरीब नवाज का उर्स: अजमेर आएंगे साढे चार सौ पाकिस्तानी जायरीन

गरीब नवाज का उर्स: अजमेर आएंगे साढे चार सौ पाकिस्तानी जायरीन
WhatsApp Channel Join Now
गरीब नवाज का उर्स: अजमेर आएंगे साढे चार सौ पाकिस्तानी जायरीन


अजमेर, 10 जनवरी(हि.स)। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 812वें उर्स में पाकिस्तानी जायरीन का जत्था आएगा। पाकिस्तान के धार्मिक मामलों और अंतर्धार्मिक सद्भाव मंत्रालय में करीब पांच सौ जायरीन ने वीजा के लिए आवेदन किया है। इनमें से करीब साढे चार सौ को अनुमति दी गई है। उधर रेलवे स्पेशल ट्रेन और प्रशासन जायरीन के ठहराव और सुरक्षा इंतजाम को लेकर अलर्ट हो गया है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार 1974 में भारत और पाकिस्तान द्वारा हस्ताक्षरित धार्मिक स्थलों की यात्राओं के प्रोटोकॉल के तहत दोनों देश तीर्थयात्रियों को यात्रा करने की अनुमति देते हैं। इसके तहत पाकिस्तान जायरीन का जत्था ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स में शामिल होता है।

पिछले साल ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स में पाक जायरीन आए थे। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा और कड़ी निगरानी में रखा। पहली बार है जब पाक जायरीन को चिप लगे पहचान पत्र दिए। इससे ना केवल उनकी आवाजाही पर नजर रखी गई, बल्कि वह कब और कहां गए सहित उनकी तमाम गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियां नजर बनाए हुए थीं।

पुलिस प्रशासन की ओर से उर्स में आए 240 पाक जायरीन को सुरक्षा कारणों के चलते ऑनलाइन नेटवर्क में रखकर निगरानी रखी गई। पाक जायरीन को दिए पहचान पत्र में एक नेटवर्क प्रदाता कम्पनी की चिप लगाई गई, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की ओर से पाक जायरीन की कैम्प से बाहर जाने और आने के समय के साथ उनकी मौजूदगी की दरगाह क्षेत्र की लोकेशन को ऑनलाइन देखा जा रहा था।

पूर्व में जायरीन की भीड़ में पाक जायरीन के इधर-उधर होने और वीजा नियमों के उल्लंघन की गतिविधियां अंजाम देने की शिकायतें आती थीं।

उर्स में आए पाक जायरीन सरवाड़ शरीफ और पुष्कर तक चले जाते थे, जबकि उनका वीजा अजमेर नगर निगम सीमा का होता है। इससे पुलिस प्रशासन व सुरक्षा एजेंसियों को खासी मशक्कत करनी पड़ती थी।

चांद दिखाई देने पर 12 जनवरी से हो जाएगी उर्स की रस्म शुरू

चांद दिखाई देने पर ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें सालाना उर्स की रस्म 12 जनवरी से शुरू हो जाएगी उसी रात जन्नती दरवाजा भी खुल जाएगा। चांद नहीं हुआ तो उर्स 13 जनवरी से शुरू होगा। उर्स को लेकर प्रशासनिक तैयारी चरम पर है। वहीं जायरीन के आवक बढ़ने लगी है। कायड़ विश्राम स्थली पर जायरीन के ठहरने व वाहन पार्क की विशेष व्यवस्थाएं की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story