एमडीएम हॉस्पिटल में पहली बार पित्त की पथरी का दूरबीन से ऑपरेशन

एमडीएम हॉस्पिटल में पहली बार पित्त की पथरी का दूरबीन से ऑपरेशन
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एमडीएम हॉस्पिटल में पहली बार पित्त की पथरी का दूरबीन से ऑपरेशन


जोधपुर, 29 जनवरी (हि.स.)। मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में पहली बार पित्त की नली पथरी का दूरबीन पद्धति से सफल ऑपरेशन किया गया है।

एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया ने बताया कि बाड़मेर निवासी 63 वर्षीय एक बुजुर्ग पेट दर्द और बार बार पीलिया होने से परेशान था। सीनियर प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष सर्जरी विभाग डॉ. भारती सारस्वत ने मरीज़ की पीड़ा को समझते हुए चेकअप कर अपनी यूनिट में भर्ती किया। जांचों में मरीज के पित्त की नली एवं थैली में पथरी पाई गई। प्रोटोकॉल के अनुसार मरीज़ को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में एंडोस्कोपी द्वारा पथरी निकलने के लिए भेजा गया लेकिन पथरियों की अधिक संख्या एवं बड़े आकार होने के कारण उन्हें एंडोस्कोपी से निकालना संभव नहीं था इसलिए गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने मरीज़ के पित्त की नली में स्टेंट डालकर ऑपरेशन (सीबीडी एक्सप्लोरेशन) द्वारा पथरियां निकलने की सलाह के साथ सर्जरी विभाग में भेजा। आज तक यह ऑपरेशन चीरा लगाकर ओपन पद्धति से ही किया जा रहा था। इस बार डॉ. भारती सारस्वत की टीम के वरिष्ठ सर्जन डॉ. शूर सिंह सिसोदिया ने इस ऑपरेशन को दूरबीन से सफलतापूर्वक अंजाम दिया। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में यह अपनी तरह का पहला उदाहरण है। डॉ. शूर सिंह सिसोदिया ने बताया कि सामान्यत: पित्त की नली में 45 पथरियां होती हैं लेकिन जब उन्होंने निकलना शुरू किया तो उनकी टीम हैरान रह गयी, इस मरीज की पित्त की नली से एक एक करके करीब 80 पथरियां निकाली गई। यूरोलॉजी विभाग से यूरेटेरोस्कोप (लंबी दूरबीन) का इस्तेमाल कर पित्त की नली द्वारा लिवर के अंदर तक जाकर सारी पथरियों को निकाला गया। डॉ. भारती सारस्वत ने बताया कि दूरबीन से यह ऑपरेशन करना चुनौतीपूर्ण होता है एवं इसमें काफी दक्षता की ज़रूरत होती है।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

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