भूमि विवाद में अंत्येष्ठि का इंतजार करती रही वृद्धा की अर्थी, अंतिम संस्कार से पहले जमीन दिलाने की मांग
चित्तौड़गढ़, 10 सितंबर (हि.स.)। भूमि विवाद को लेकर आए दिन पारिवारिक झगड़ों के मामले सामने आते है और कई बार ऐसे मामलों में जिन वृद्ध जन के नाम पर जमीन होती है उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है लेकिन मंगलवाड़ में एक वृद्धा की मौत के बाद इसी तरह के भूमि विवाद में अर्थी को भी अंतिम संस्कार का इंतजार करना पड़ा। बेऔलाद वृद्धा के भतीजे ने यह कह कर अंतिम संस्कार रूकवा दिया कि उसके नाम की पांच बीघा जमीन उसके खाते में कराई जाए। इस मामले में पुलिस ने मौके पर तहसीलदार को बुला कर समझाईश की है।
जानकारी के अनुसार मंगलवाड़ निवासी करीब 75 वर्षीय वृद्धा मगनी बाई के कोई औलाद नहीं थी और उसके सामलाती खाते में 4-5 बीघा जमीन थी। काफी समय से अकेली होने के कारण उसकी बहन का लड़का रमेश उसकी सेवा कर रहा था। सेवा सुश्रुषा करने के दौरान वृद्धा ने अपने खाते की चार-पांच बीघा भूमि की रजिस्ट्री उसकी बहिन के पुत्र रमेश के नाम पर करवा दी। थोड़े दिनों बाद इस मामले की जानकारी वृद्धा के देवर के लड़के यानि भतीजे रतन को पता चली तो उसने विवाद किया। इसी दौरान वृद्धा मगनी बाई बीमार हो गई तो भतीजे रतन ने मंगलवाड़ थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया और कहा कि उसकी बड़ी मां को रमेश ने एसिड पिला दिया है। इसके कारण वह बीमार हो गई है। पुलिस ने मंगलवाड़ थाने में मुकदमा दर्ज कर अस्पताल में भर्ती वृद्धा का मेडिकल करवाया। लेकिन मेडिकल में वृद्धा को पीलिया होने की बात सामने आई और किसी प्रकार का केमिकल पिलाने की पुष्टि नहीं हुई। इस पर रतन द्वारा लगाये गये मारने की साजिश के आरोप बेबुनियाद साबित हुए।
वृद्धा की मौत के बाद रोका अंतिम संस्कार
मंगलवाड़ निवासी वृद्धा मगनी बाई थोड़े दिन बीमार रही और मंगलवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। मृत्यु होने के बाद महिला के देवर के लड़के रतन ने अंतिम संस्कार रूकवाते हुए उसके खाते की भूमि अपने नाम कराने की मांग की और रजिस्ट्री नहीं होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कही। मामले की जानकारी मिलने पर मंगलवाड़ थानाधिकारी रामसिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने समझाईश की लेकिन वो नहीं माना। बाद में इस मामले में तहसीलदार को सूचित किया। डूंगला तहसीलदार मौके पर पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक समझाईश का दौर जारी था। इस संबंध में थानाधिकारी रामसिंह ने बताया कि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री कराने के मामले में समझाईश की है और बताया कि रजिस्ट्री निरस्त कराने के लिए न्यायालय की शरण लेनी होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल
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