रियासतकालीन परंपरा का निर्वहन करते हुए शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज 16 को करेगा होलका का आगाज
बीकानेर, 15 मार्च (हि.स.)। बीकानेर की रियास्तकालीन परंपरा का निर्वहन करते हुए शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज शनिवार, फाल्गुन सुदी सप्तमी (खेलनी सातम) पर माता रानी नागणेची के चरणों में इत्र गुलाल अर्पित कर भजन गाकर माता रानी से होली खेलने की अनुमति प्राप्त करेगा।
ब्राह्मण समाज से जुड़े नितिन वत्सस ने बताया कि इस दिन शाकद्विपीय समाज के महिला पुरुष शाम के समय नए वस्त्र पहनकर माता रानी नागणेची मंदिर प्रांगण में इकट्ठा होंगे और माता रानी के चरणों में भजन प्रस्तुत करते है और इसके बाद आरती के समय रात्रि 8 बजे माता रानी को इत्र गुलाल अर्पित की जाएगी। बीकानेर शहर में होली महोत्सव की शुरआत की अरदास की जाएगी और फिर गुलाल उछालकर बीकानेर में होलका का आगाज किया जाएगा। इसके बाद होली दहन तक शहर में मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा और रम्मतो का दौर शुरू होगा।
माता रानी को विशेष श्रृंगार किया जायेगा
नितिन वत्सस ने यह भी बताया कि इस दिन समाज विभिन्न स्थानों पर सामूहिक भोग का आयोजन करता है जिसमें श्यामोजी वंशज मूंधाड़ा प्रन्यास भवन, हसावतों की तलाई, नाथ सागर स्थित सूर्य भवन, डागा चोक स्थित शिव शक्ति भवन, जस्सोलाई स्थित जनेश्वर भवन में प्रसाद का आयोजन होगा। इस दिन रात्रि को नागणेची मंदिर से निकलकर समाज के बुजुर्ग और युवा देर रात्रि को शहर में होली की पहली गेर लेकर आते है जो गोगागेट से शहर में प्रवेश करते हुए बागड़ी मोहल्ला, भुजिया बाजार , चाय पट्टी, बैदो का बाजार नाईयो की गली, मरूनायक चोक, चोधरियों की घाटी होते हुए मूंधाड़ा सेवागो के चोक में संपन होगी।
इस रियासत कालीन परंपरा का निर्वहन सफल तरीके से संपन्न करने के लिए समाज के व्यक्ति बड़े पैमाने पर तैयारियो में लगे है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर
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