एबीवीपी ने जेएनवी विश्वविद्यालय कुलपति के खिलाफ फिर खोला मोर्चा

एबीवीपी ने जेएनवी विश्वविद्यालय कुलपति के खिलाफ फिर खोला मोर्चा
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एबीवीपी ने जेएनवी विश्वविद्यालय कुलपति के खिलाफ फिर खोला मोर्चा


जोधपुर, 29 फरवरी (हि.स.)। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएल श्रीवास्तव के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी की तरफ से छात्रों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय के हैड ऑफिस स्थित कुलपति कार्यालय के बाहर लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और कुलपति का पुतला फूंका।

एबीवीपी लंबे समय से एमपीईटी प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी, यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि, रिटायरमेंट के बाद भी शिक्षकों का एरियर बढ़ाने, समय पर कक्षाएं नहीं लगने आदि 85 सूत्रीय मांगों व मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रही है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कई ऐसे शिक्षक भी हैं जिनके रिटायरमेंट के बाद भी एरियर बढ़ा दिया गया। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में समय पर कक्षाएं भी नहीं लग रही हैं। कक्षाओं में स्टूडेंट पहुंचते हैं तो टीचर नहीं मिलते हैं, इसकी शिकायत करने जब कुलपति के पास जाते हैं तो सिर्फ जवाब मिलता है कि समाधान किया जाएगा, लेकिन समाधान नहीं किया जाता है। कुछ दिन पहले भी एबीवीपी की ओर से इन मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान कुलपति ने नाटकीय घटनाक्रम में राज भवन के नाम इस्तीफा अपने पीए को दे दिया था। हालांकि दो दिन बाद ही कुलपति ने अपने ही निर्णय से पलटते हुए वापस जॉइन भी कर लिया था। इसके बाद आज एबीवीपी की ओर से इन मांगों को लेकर फिर प्रदर्शन किया गया।

एबीवीपी के कार्यकर्ताताओं ने एमपीईटी प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एमपीईटी की प्रवेश प्रक्रिया में कई पूर्व छात्रनेता भी शामिल हैं जो अपने रसूख के दम पर इस प्रक्रिया में शामिल हुए। मैनेजमेंट विभाग की ओर से बिना फॉर्म भरे ही इसमें छात्रा को टॉपर के तौर पर प्रवेश दे दिया गया। इसको लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

एबीवीपी के प्रांत सह मंत्री सचिन राजपुरोहित ने बताया कि यूनिवर्सिटी में 85 सूत्रीय मांगों को लेकर एबीवीपी का संघर्ष जारी रहेगा। वहीं एमपीईटी प्रवेश प्रक्रिया में कोई भी रसूखदार या छात्रनेता ही क्यों न हो। यदि गलत तरीके से प्रवेश लिया है तो उसे निरस्त करना ही होगा। जिससे किसी पढऩे वाले छात्र के साथ अन्याय नहीं हो। इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर भी यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कमेटी गठित नहीं की गई है। बता दे कि यूनिवर्सिटी में एमपीईटी परीक्षा आवेदन की अंतिम तिथि 4 मार्च 2023 थी। यह परीक्षा 23 मार्च 2023 को हुई इसके बाद 13 अप्रैल 2023 को रिजल्ट जारी किया गया था।

प्रदर्शन के दौरान कुलपति अंदर रिसर्च बोर्ड की बैठक में थे। काफी देर तक कुलपति मिलने नहीं आए तो छात्रों ने चारों तरफ से गेट बंद कर नारेबाजी की। बाद में छात्रों ने गेट के बाहर ज्ञापन चिपका कर चले गए। छात्रों ने सभी 85 सूत्रीय मांगों को लेकर दो दिन का अल्टीमेट दिया है। वहीं प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। इस मामले को लेकर एबीवीपी की ओर से गत मंगलवार को भी प्रदर्शन किया गया था, लेकिन ज्ञापन लेने के लिए कुलपति और कुलसचिव में से कोई नहीं मिला इसके बाद छात्र गेट पर ज्ञापन चिपका कर चले गए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

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