गर्भवती महिलाओं पर स्वस्थ रहने की दोहरी जिम्मेदारी
कोटा, 8 मई (हि.स.)। गर्भवती महिलाओं पर 9 माह तक अपनी सेहत के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु को भी स्वस्थ रखने की दोहरी जिम्मेदारी होती है। वे अपनी संतुलित दिनचर्या, संयमित आहार और परहेज का पूरा ध्यान रखें तो उनको अनावश्यक सिजेरियन डिलेवरी से बचाया जा सकता है। देवली अरब रोड, बोरखेड़ा स्थित आरके हॉस्पिटल में बुधवार को गर्भवती महिलाओं के लिये निःशुल्क जांच शिविर में निदेशक वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेनु राय ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पहली बार महिलायंे नॉर्मल प्रसव के लिये 9 माह तक अपनी दिनचर्या व आहार में विशेष सावधानी बरतें, जिससे उन्हें कम से कम दवाइयों का प्रयोग करना पड़ेगा।
पहले 3 माह भरपूर नींद लें-
डॉ. राय ने कहा कि पहले तीन माह में रात में 8 घन्टे व दिन में 2 घन्टे नींद लें। गर्भवती महिला को बाएं हाथ की करवट सोना चाहिए, जिससे भ्रूण शिशु को सामान्य रक्त आपूर्ति होती रहे। पहले 3 माह में पपीता व पाइनएप्पल का प्रयोग नही करें। वे हल्का भोजन, हरी सब्जी, फलों का सेवन करें। प्रारंभ में किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से रेगुलर परामर्श लेते रहें।
4 से 6 माह में दिनचर्या पर ध्यान दें-
उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दूसरे चरण में 4 से 6 माह तक दिनचर्या सामान्य रखें। याद रहे, प्रैग्नेंसी कोई बीमारी नही है। आयरन व केल्शियम युक्त आहार लें। इनमें ड्राई फ्रूट्स व डेयरी उत्पाद का सेवन करें। नमक को नियंत्रित रखें। नारियल पानी का सेवन करें। रिफाइंड तेल, शक्कर, डिब्बा बन्द फूड का सेवन नही करें। अपना वजन 10 से 12 किलो से अधिक न बढ़े, इसके लिए नियमित पैदल सैर करना बहुत फायदेमंद है।
7 से 9 माह में सीढियां न चढें -
अंतिम चरण में 7 से 9वें माह में सीढ़ियां चढ़ने में सावधानी बरतें। दर्द होने पर अपनी इच्छा से दर्दनिवारक गोलियां नहीं लें, प्रत्येक 7 दिन में डॉक्टर से परामर्श लें। शिशु का वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन युक्त डाइट लें, तरल पेय का सेवन करें। अंतिम दिनों में चाय कम कर दें व कोल्डड्रिंक बिल्कुल नही लें। रक्तचाप सही रखने के लिए नमक, चिकनाई, बेकरी प्रॉडक्ट, तले हुए खाद्य बन्द कर दें।
एसिडिटी से कैसे बचें-
डॉ रेनू राय ने गर्भवती महिलाओं को बताया कि वे रोज सुबह 9 बजे नाश्ते में दलिया, पोहा, उपमा, इडली, खिचड़ी व दही आदि ले सकती है। सुबह 11 बजे ताजा फ्रूट्स लें। दोपहर 1 बजे लंच में सलाद सहित संतुलित भोजन लें। ठंडी व खट्टी चीजे अधिक न लें। रात को डिनर के बाद सोते समय ठंडा मीठा दूध लेने से एसिडिटी कम होगी। एयरकंडिशनर या कूलर में सोते समय सिर को ढककर नॉर्मल तापमान में सोएं। कमरे को अधिक ठंडा नही रखें। रात्रि में फलों का सेवन नही करें।
हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/ईश्वर
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