नौकरी जॉइन करने के चार दिन बाद दो सिक्योरिटी गार्ड की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत

नौकरी जॉइन करने के चार दिन बाद दो सिक्योरिटी गार्ड की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत
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नौकरी जॉइन करने के चार दिन बाद दो सिक्योरिटी गार्ड की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत


जैसलमेर, 17 मार्च (हि.स.)। जिले के पोकरण पुलिस थाना क्षेत्र के सेल्वी गांव में नौकरी जॉइन करने के 4 दिन बाद ही कंपनी के दो सिक्योरिटी गार्ड की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। यहां ओढानिया पुल पर घटना बीती देर रात 2.30 से 3 बजे के बीच हुई। पुलिस ने शवों को पोकरण हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया।

पोकरण एसएचओ राजूराम ने बताया कि हत्या की आशंका के चलते परिजन और ग्रामीण सुबह से पोकरण हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर धरने पर बैठ हुए हैं। पोकरण के रहने वाले महेंद्र जटिया (21) पुत्र तेजाराम और प्रद्युम्न (22) पुत्र योगेश एलएनटी कंपनी (पोकरण) में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे थे।

दोनों पोकरण के लोकल निवासी थे। रानीखेत एक्सप्रेस से पहले पोकरण रेलवे स्टेशन से जैसलमेर के लिए रात 2:30 बजे मालगाड़ी निकली थी। ऐसे में हादसा संभावत: रात 2:30 से 3 बजे के बीच हुआ। सुबह करीब 5 बजे रेलवे पुलिस ने पोकरण पुलिस को सूचना दी।इसके बाद शवों को कब्जे में लेकर पोकरण हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया। परिजनों की सहमति के बाद शवों का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।

रेलवे एएसआई मुखराम ने बताया- रानीखेत एक्सप्रेस के ड्राइवर ने वॉकी-टॉकी के जरिए रविवार सुबह 5 बजे पोकरण रेलवे गार्ड को सूचना दी। बताया था कि सेल्वी गांव के पास ट्रैक पर दो शव पड़े हैं। सूचना पर रेलवे पुलिस और पोकरण पुलिस मौके पर पहुंची। शिनाख्त होने के बाद परिजनों को सूचना दी गई। पुलिस से सूचना मिलने के बाद पोकरण हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर लोग जुट गए। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई। एलएनटी कंपनी पर लापरवाही और सुरक्षा उपकरण नहीं देने का आरोप लगाया। फिलहाल समाज के लोग मुआवजे और एलएनटी कंपनी के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

पोकरण एसएचओ राजूराम ने बताया कि घटना को लेकर परिजनों ने अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं दी है। परिवार वाले समाज के लोगों के साथ मॉर्च्युरी के बाहर बैठे हुए हैं। कंपनी के अधिकारियों का बुलाने की मांग कर रहे हैं। परिजनों ने बताया- दोनों युवक अविवाहित थे। चार दिन पहले ही वे सुरक्षा गार्ड की नौकरी पर लगे थे। उनकी सैलरी 15 हजार रुपए महीना तय हुई थी। प्रद्युम्न और महेंद्र स्कूल टाइम से दोस्त थे। प्रद्युम्न पहले अपनी डीजे पार्टी व सजावट की दुकान पर और महेंद्र पेटिंग का काम करता था। काम में मंदी के चलते दोनों सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पर लगे थे। दोनों का ड्यूटी टाइम रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक था। दोनों एक ही बाइक से साथ जाते थे। एलएनटी कंपनी की सिक्योरिटी देखने वाली कंपनी न्यू दिल्ली सिक्योरिटी सर्विस ने रेलवे ट्रैक के पास इलेक्ट्रिक वायर की सुरक्षा के लिए प्रद्युम्न और महेंद्र को 4 किलोमीटर का एरिया दिया था। प्रद्युम्न पोकरण में खटीक बस्ती का रहने वाला था। तीन भाई-बहन में वह दूसरे नंबर का था। उसके पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। बड़ा भाई सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों के रजिस्ट्रेशन की पर्ची काटने का काम करता है। सबसे छोटी दिव्यांग बहन है। महेंद्र चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर का था। वह पोकरण में भवानीपुरा कच्ची बस्ती का रहने वाला था। बड़ा भाई दिहाड़ी मजदूरी करता है। दो छोटी बहनें है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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