पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चपलोत बोले, पत्रकारों को भी मिले सुरक्षा कानून

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उदयपुर, 15 मार्च (हि.स.)। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने पत्रकार सुरक्षा कानून को पत्रकार समाज के लिए अत्यंत जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि वे भलीभांति समझते हैं कि पत्रकार किन परिस्थितियों में कार्य करते हैं, उन्हें भी सुरक्षा मिलनी ही चाहिए।

बुधवार को यहां उदयपुर में अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में पत्रकार सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ हैं। कई बार खोजी पत्रकारिता करने वालों के लिए आत्मसुरक्षा करना भी कठिन हो जाता है। उन्हें विपरीत परिस्थितियों में कार्य करना होता है। देर रात तक कार्य करना तो उनकी कार्यशैली में शामिल है। ऐसे में उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। उन्होंने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के साथ ही जर्नलिस्ट्स प्रोटेक्शन एक्ट भी जरूरी बताया है और मुख्यमंत्री गहलोत से दोनों एक्ट लाने की मांग की है।

बारां जिले के छबड़ा से विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर विधानसभा के इसी सत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून भी पारित करवाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि कांग्रेस जनघोषणा पत्र में चिकित्सक, अधिवक्ता और पत्रकारों को कानूनी सुरक्षा दिए जाने की बात कही गई थी। विधानसभा सत्र में अधिवक्ताओं के लिए कानून लाया जा रहा है, इसी के साथ पत्रकारों के लिए भी सुरक्षा कानून पारित करवाया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि राजस्थान का पत्रकार समाज लम्बे समय से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग कर रहा है। कांग्रेस ने इसे अपने जनघोषणा पत्र में भी शामिल किया था। पत्रकार पिछले दिनों से ट्वीट, ईमेल, पत्र, ज्ञापन आदि के माध्यम से मुख्यमंत्री गहलोत से पत्रकार सुरक्षा कानून लाने की मांग कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप

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